नक्सलियों का आत्मसमर्पण: सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ
सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ सभी को
बीजापुर जिले में बुधवार को 51 और कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। बीजापुर में आत्मसमर्पण करने वालों में 9 महिलाएं और 42 पुरुष शामिल हैं। इनमें से 23 नक्सलियों पर कुल 66 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जिसमें 5 नक्सलियों पर 8 लाख, 1 पर 5 लाख, 7 पर 2 लाख और 7 पर 1 लाख रुपये का इनाम है।
समर्पण करने वाले नक्सलियों की जानकारी
बीजापुर में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में पीएलजीए बटालियन और कंपनी नंबर 01, 02 और 05 के पांच सदस्य, एरिया कमेटी और प्लाटून से जुड़े सात सदस्य, एलओएस के तीन सदस्य, एक मिलिशिया प्लाटून कमांडर, चौदह मिलिशिया प्लाटून सदस्य, तथा गुर्नीस, जनताना सरकार, डीकेएमएस और सीएनएम संगठनों के बीस सदस्य शामिल हैं। कांकेर में आत्मसमर्पित नक्सलियों में 13 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं।
गुलाब और संविधान से स्वागत
उत्तर बस्तर के कांकेर में स्थानीय निवासियों ने नक्सलियों का संविधान की किताब और गुलाब देकर मुख्यधारा में शामिल होने पर स्वागत किया। बीजापुर के एसपी डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि राज्य सरकार की पुनर्वास योजना का उद्देश्य नक्सलियों को हिंसा छोड़कर समाज में वापस लाना है। आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को पुनर्वास योजना के तहत 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
माओवादी प्रभाव में कमी
इंद्रावती एरिया कमेटी का माड़ डिवीजन लगभग खाली हो गया है। ये नक्सली नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो की कुएमारी और किसकोडो एरिया कमेटी से संबंधित थे, जिसमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल हैं।
पुनर्वास नीति से युवाओं में विश्वास: सीएम
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने माओवादी हिंसा में शामिल युवाओं में नया विश्वास जगाया है। अब वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।