नए साल पर काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन की पूरी जानकारी
काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी
नए साल की शुरुआत आध्यात्मिक शांति और बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से करना हर श्रद्धालु की ख्वाहिश होती है। इसीलिए, नए साल पर काशी विश्वनाथ मंदिर में लाखों भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। काशी विश्वनाथ, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे शिव का आदि स्थान माना जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार, काशी दुनिया का सबसे प्राचीन जीवित शहर है।
यह मान्यता है कि जो व्यक्ति यहां अंतिम सांस लेता है, भगवान शिव उसे तारक मंत्र का जाप कराते हैं, जिससे उसे जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। गंगा स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने से सभी पापों का नाश होता है। यदि आप नए साल पर काशी विश्वनाथ धाम जाने की योजना बना रहे हैं, तो दर्शन का समय, VIP दर्शन, बुकिंग प्रक्रिया, आरती, भीड़ प्रबंधन और आसपास की घूमने की जगहों की जानकारी पहले से लेना आवश्यक है।
बनारस कैसे पहुंचे?
वाराणसी में बस, रेलवे और हवाई अड्डा है, जिससे आप देश के किसी भी कोने से आ सकते हैं। यदि आप पटना, दिल्ली, कोलकाता, जयपुर या भोपाल से यात्रा कर रहे हैं, तो ट्रेन या बस से आना संभव है। कई बड़े शहरों से वाराणसी के लिए हवाई सेवा भी उपलब्ध है।
दिल्ली से बनारस कैसे पहुंचें?
रेल मार्ग: दिल्ली से वाराणसी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस सबसे तेज विकल्प है। इसके अलावा, शिवगंगा एक्सप्रेस, महामना एक्सप्रेस और राजधानी एक्सप्रेस भी अच्छे विकल्प हैं।
हवाई मार्ग: दिल्ली से वाराणसी के लिए इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट की सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से लगभग 25 किमी दूर है।
सड़क मार्ग: यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के माध्यम से आप अपनी कार या बस से लगभग 10-12 घंटे में पहुंच सकते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर के खुलने और आरती का समय
मंदिर खुलने का समय: बाबा का दरबार रोजाना सुबह 2:30 बजे खुलता है।
मंगला आरती: सुबह 3:00 से 4:00 बजे तक (इसके लिए पहले से बुकिंग अनिवार्य है)।
सामान्य दर्शन: मंगला आरती के बाद सुबह 4:00 बजे से रात 11:00 बजे तक (आरती के समय को छोड़कर)।
भोग आरती: सुबह 11:15 से दोपहर 12:20 तक।
शयन आरती: रात 10:30 से 11:00 बजे तक (इसके बाद कुछ समय के लिए मंदिर बंद हो जाता है)।
वाराणसी के फेमस घाट
दशाश्वमेध घाट: शाम की प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल होना न भूलें।
अस्सी घाट: सुबह की ‘सुबह-ए-बनारस’ और आरती के लिए प्रसिद्ध।
मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट: इन्हें महाश्मशान कहा जाता है।
नमो घाट: यह नया और आधुनिक घाट है जहां बड़े नमस्ते के स्कल्चर लगे हैं।
दर्शन बुकिंग प्रक्रिया
टिकट की कीमत: यदि आप लंबी लाइनों से बचना चाहते हैं, तो 300 रुपये का सुगम दर्शन टिकट ले सकते हैं।
आरती बुकिंग: मंगला आरती की भारी डिमांड रहती है, इसे कम से कम 1-2 महीने पहले बुक करना बेहतर होता है।
ड्रेस कोड और प्रतिबंधित वस्तुएं
ड्रेस कोड: सामान्य दर्शन के लिए कोई विशेष ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन मंदिर में शालीन कपड़े पहनना उचित माना जाता है।
प्रतिबंधित वस्तुएं: मोबाइल फोन, कैमरा, बेल्ट, जूते-चप्पल, सिगरेट/माचिस और किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट अंदर ले जाना वर्जित है।
भीड़ से बचने के उपाय
सुबह जल्दी जाएं: नए साल पर दोपहर में भीड़ चरम पर होती है। कोशिश करें कि सुबह 4 से 6 बजे के बीच दर्शन कर लें।
गंगा द्वार से प्रवेश: यदि आप नाव से आ रहे हैं, तो ललिता घाट की ओर से गंगा द्वार के जरिए प्रवेश करना आसान होता है。
अन्य घूमने की जगहें
काल भैरव मंदिर: इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है।
संकट मोचन मंदिर: हनुमान जी का प्राचीन मंदिर।
वरिष्ठ नागरिकों और परिवार के लिए विशेष गाइड
व्हीलचेयर: मंदिर कॉरिडोर में दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध है।
ई-रिक्शा: तंग गलियों में चलने के बजाय ई-रिक्शा का प्रयोग करें।
रहने की व्यवस्था: बुजुर्गों के साथ हैं तो कैंट’ रेलवे स्टेशन के पास या दशाश्वमेध घाट के आसपास होटल लें।
काशी विश्वनाथ मंदिर में वीआईपी दर्शन के तरीके
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की आधिकारिक वीआईपी पूजा सेवा मंदिर ट्रस्ट द्वारा कुछ विशेष पूजा व दर्शन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
मुख्य सेवाएं
- सुगम दर्शन
- रुद्राभिषेक
- लघु रुद्राभिषेक
- महामृत्युंजय जप
इन सेवाओं में भीड़ से अलग और सीमित समय में दर्शन कराए जाते हैं।
बुकिंग कैसे करें?
केवल मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट या अधिकृत काउंटर से ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।