नए साल की पूर्व संध्या पर गिग वर्कर्स की हड़ताल से प्रभावित होंगी फूड डिलीवरी सेवाएं
गिग वर्कर्स की हड़ताल का आह्वान
नए साल की पूर्व संध्या पर, देशभर में फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेवाएं बाधित हो सकती हैं। जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट, जेप्टो, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफार्मों से जुड़े गिग वर्कर्स ने एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) के नेतृत्व में यह हड़ताल बेहतर वेतन, सुरक्षित कार्य स्थितियों और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर की जा रही है.
हड़ताल का प्रभाव और मांगें
यूनियनों का कहना है कि रात भर में 1.7 लाख से अधिक वर्कर्स इस हड़ताल में शामिल हो चुके हैं, और यह संख्या बढ़ने की संभावना है। हड़ताल का मुख्य कारण 10-मिनट और 20-मिनट डिलीवरी मॉडल है, जिसे वर्कर्स असुरक्षित मानते हैं। इसके अलावा, गिरती आय, लंबे कार्य घंटे, मनमाने आईडी ब्लॉक और सामाजिक सुरक्षा की कमी की भी शिकायतें हैं। वर्कर्स प्रति किलोमीटर कम से कम 20 रुपये की दर, इमरजेंसी लीव और महिलाओं के लिए मातृत्व सुरक्षा की भी मांग कर रहे हैं.
क्रिसमस के बाद दूसरा बड़ा कदम
यह हड़ताल क्रिसमस (25 दिसंबर) के बाद दूसरा बड़ा कदम है, जिसमें कई शहरों में डिलीवरी सेवाएं प्रभावित हुई थीं। नए साल की शाम को ऑर्डर की संख्या सबसे अधिक होती है, इसलिए इस हड़ताल का असर पार्टी प्लानिंग करने वालों पर पड़ सकता है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता जैसे शहरों में सबसे अधिक प्रभाव देखने की संभावना है.
कंपनियों की ओर से राहत उपाय
हड़ताल के प्रभाव को कम करने के लिए, जोमैटो और स्विगी ने डिलीवरी पार्टनर्स के लिए विशेष इंसेंटिव की घोषणा की है। यह त्योहारों के दौरान अपनाई जाने वाली सामान्य प्रथा है, लेकिन इस बार इसे जल्दी लागू किया गया है।
- जोमैटो: शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक पीक ऑवर्स में प्रति ऑर्डर 120 से 150 रुपये का पेआउट। पूरे दिन में 3,000 रुपये तक की कमाई का वादा। ऑर्डर रिजेक्ट या कैंसल करने पर पेनल्टी माफ।
- स्विगी: 31 दिसंबर और 1 जनवरी को मिलाकर 10,000 रुपये तक की कमाई का ऑफर। पीक ऑवर्स (शाम 6 से रात 12 बजे) में 2,000 रुपये तक का अतिरिक्त इंसेंटिव।
ग्राहकों के लिए सलाह
यदि आप न्यू ईयर पार्टी के लिए ऑनलाइन फूड या ग्रॉसरी ऑर्डर करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले से ऑर्डर कर लें या वैकल्पिक व्यवस्था रखें। कई शहरों में डिलीवरी में देरी या कैंसलेशन हो सकता है। रेस्टोरेंट्स और क्लाउड किचन भी पहले से बल्क ऑर्डर ले रहे हैं ताकि नुकसान कम हो सके.
गिग इकॉनमी की चुनौतियाँ
यह हड़ताल गिग इकॉनमी की बड़ी समस्याओं को उजागर कर रही है, जहां तेज विकास के बावजूद वर्कर्स की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। आने वाले दिनों में कंपनियों और यूनियनों के बीच बातचीत की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल गतिरोध बना हुआ है.