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नए साल का जश्न: दुनिया में सबसे पहले और आखिरी कब मनाया जाएगा?

जैसे ही हम 2025 को छोड़कर 2026 में प्रवेश करते हैं, यह जानना दिलचस्प है कि नया साल दुनिया में सबसे पहले और सबसे बाद में कहां मनाया जाता है। किरिबाती के किरीटीमाटी द्वीप पर सबसे पहले नया साल आता है, जबकि अमेरिका के हाउलैंड आइलैंड में सबसे बाद में। इस लेख में हम समय क्षेत्रों के बारे में जानेंगे और यह भी देखेंगे कि कैसे विभिन्न देश अलग-अलग समय पर नए साल का जश्न मनाते हैं।
 

नए साल का आगाज

जैसे ही हम 2025 को अलविदा कहकर 2026 में कदम रखेंगे, घड़ी की सुई 12 के अंक को पार कर जाएगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सभी देशों में एक साथ नया साल नहीं आता? भारत में 2026 का स्वागत होने पर भी अन्य देशों में यह समय भिन्न हो सकता है। हर देश का अपना टाइम जोन होता है, जिससे यह जानना दिलचस्प है कि नया साल सबसे पहले किस स्थान पर मनाया जाता है।


किरिबाती: नया साल मनाने वाला पहला देश

दुनिया में सबसे पहले नए साल का जश्न किरिबाती के किरीटीमाटी द्वीप पर मनाया जाता है। यह द्वीप प्रशांत महासागर में स्थित है और अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण इसे नया साल मनाने के लिए जाना जाता है।


क्यों है किरिबाती का टाइम जोन खास?

किरिबाती UTC+14 टाइम जोन में आता है, जो कि दुनिया का सबसे आगे चलने वाला टाइम जोन है। जब यहां 1 जनवरी 2026 की शुरुआत होती है, तब बाकी दुनिया अभी भी 2025 में होती है। भारतीय समयानुसार, जब वहां रात के 12 बजते हैं, तब भारत में दोपहर साढ़े तीन बजे होते हैं। लगभग 41 देश हैं जो भारत से पहले नए साल का स्वागत करते हैं।


नए साल का अंतिम जश्न

जब हम पहले नए साल का जश्न मनाने की बात कर रहे हैं, तो यह जानना भी आवश्यक है कि सबसे अंत में नया साल किस देश में मनाया जाएगा। अमेरिका के हाउलैंड आइलैंड और बेकर आइलैंड में नया साल सबसे बाद में मनाया जाता है, जो UTC-12 टाइम जोन में आते हैं।