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धुरंधर: अक्षय खन्ना का विलेन अवतार हीरो पर भारी

धुरंधर फिल्म में अक्षय खन्ना का विलेन किरदार दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। इस फिल्म में पहली बार गैंगस्टर रहमान डकैत का ऐसा चित्रण किया गया है, जो नायक पर भारी पड़ता है। रणवीर सिंह के साथ उनकी केमिस्ट्री और अदाकारी ने फिल्म को खास बना दिया है। जानें, कैसे अक्षय खन्ना ने इस किरदार को जीवंत किया और क्यों यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल हो रही है।
 

धुरंधर फिल्म में विलेन की भूमिका

हमजा अली मज़ारी बनाम रहमान डकैत

फिल्म धुरंधर ने अक्षय खन्ना की अदाकारी के कारण काफी चर्चा बटोरी है। इस फिल्म में पहली बार ल्यारी के गैंगस्टर रहमान डकैत का ऐसा किरदार पेश किया गया है। अक्षय खन्ना ने इस भूमिका में जो प्रभाव डाला है, उसकी तारीफ हर जगह हो रही है। सोशल मीडिया पर रहमान डकैत को फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। यदि वह किरदार नहीं होता, तो फिल्म की कहानी कुछ और होती। जबकि रणवीर सिंह, जो कि हमजा अली मज़ारी का किरदार निभा रहे हैं, मुख्य नायक हैं। लेकिन अक्षय खन्ना की लोकप्रियता ने उन्हें विलेन के रूप में ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ।

हम यह भी देखेंगे कि इतिहास में कब-कब विलेन ने हीरो पर हावी होने का काम किया। नायक पर खलनायक का हावी होना क्या दर्शाता है? जब किसी कलाकार को मौका मिलता है, तो वह अपने प्रदर्शन को बेहतरीन बनाने की कोशिश करता है। धुरंधर में भी यही हुआ है। अक्षय खन्ना ने रहमान डकैत को एक नया रूप दिया है, जिसमें उसके डांस स्टेप्स और गाने ने उसकी पर्सनालिटी को और भी आकर्षक बना दिया है।


रहमान डकैत का नया अवतार

अंडरवर्ल्ड डॉन नहीं, अब डकैत का टशन

रहमान डकैत का नाम भी कम खौफनाक नहीं है। गैंगस्टर्स को आमतौर पर डॉन कहा जाता है, लेकिन इस फिल्म में वह खुद को डकैत कहते हैं। उनकी कहानी में क्रूरता का एक अलग ही रंग है, जिसे अक्षय खन्ना ने बखूबी निभाया है। उनके चरित्र में अतिरंजना और अतिरेक का समावेश है, जो स्क्रीन पर स्पष्ट दिखाई देता है। फिल्म में किरदारों के बीच की केमिस्ट्री और उनकी लंबाई पर ध्यान नहीं दिया गया है।

आपको छावा फिल्म याद होगी, जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता को दर्शाया गया था। वहां मुगल शासक औरंगजेब का किरदार सीमित रखा गया था। लेकिन धुरंधर में ऐसा नहीं हुआ। निर्देशक आदित्य धर ने किरदारों की केमिस्ट्री और लंबाई पर ध्यान नहीं दिया, जिसका असर बॉक्स ऑफिस पर पड़ा।


किरदारों की जुदा मिजाज

रहमान डकैत बनाम हमजा अली मज़ारी

फिल्म में रहमान डकैत और हमजा अली मज़ारी के किरदारों को एक-दूसरे से अलग तरीके से पेश किया गया है। रणवीर सिंह का किरदार जसकीरत सिंह रांगी है, जो जेल में बंद था और उसे पाकिस्तान में जासूस के रूप में भेजा जाता है। इस किरदार को निभाने में कुछ गलतियाँ हुई हैं। जसकीरत सिंह आक्रामक है और उसे खून-खराबा करने में कोई हिचक नहीं है। रणवीर ने इस रोल को निभाने में दो अलग-अलग मूड को पकड़ने की कोशिश की है।

वहीं, रहमान डकैत का किरदार हमेशा एक जैसा रहता है। बेटे के मारे जाने का ग़म तो है, लेकिन गैंगस्टर के रूप में अपने मंसूबों पर काम करना भी उसकी जिंदगी का हिस्सा है। यहां पर निर्देशक और लेखक से कुछ चूक हुई है।


हिंदी सिनेमा के यादगार विलेन

गब्बर सिंह, शाकाल, मोगेम्बो के यादगार रोल

हिंदी सिनेमा में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। प्राण, शत्रुघ्न सिन्हा और विनोद खन्ना जैसे कलाकार अक्सर हीरो पर हावी हो जाते थे। गब्बर सिंह का किरदार अमजद खान ने निभाया था, जिसने फिल्म शोले में सबसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद शान फिल्म में कुलभूषण खरबंदा ने शाकाल का किरदार निभाया, जो अमिताभ बच्चन पर भारी पड़ा।

इसके अलावा, अजीत और अमरीश पुरी जैसे कलाकारों ने भी विलेन के रोल में अपनी छाप छोड़ी है। इन किरदारों ने हीरो के रोल को भी पीछे छोड़ दिया।

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