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धीरेंद्र शास्त्री का बकरीद पर विवादास्पद बयान: कुर्बानी और लव जिहाद पर उठाई आवाज

धीरेंद्र शास्त्री ने बकरीद के अवसर पर कुर्बानी और लव जिहाद पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने जानवरों के प्रति हिंसा को निंदनीय बताया और बलि प्रथा के खिलाफ अपनी राय रखी। इसके अलावा, उन्होंने लव जिहाद के मामलों पर चिंता जताते हुए हिंदू संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया। जानें उनके बयान का पूरा विवरण और बकरीद का महत्व।
 

धीरेंद्र शास्त्री का बयान

धीरेंद्र शास्त्री: मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मुस्लिम त्योहार बकरीद को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने देशभर में बकरीद (ईद उल अजहा) के अवसर पर कुर्बानी और लव जिहाद के मामलों पर चिंता व्यक्त की है।


आइए जानते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने इस त्योहार के बारे में क्या कहा है।


बकरीद पर कुर्बानी के संदर्भ में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि किसी भी धर्म या संस्कृति में जानवरों के प्रति हिंसा अस्वीकार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया, 'हम बकरीद के खिलाफ हैं। यदि हम किसी को जीवन नहीं दे सकते, तो किसी को मारने का भी हमें अधिकार नहीं है।' इसके लिए वैकल्पिक उपाय मौजूद हैं। यदि ऐसी कोई व्यवस्था होती, तो बकरे की बलि दी जाती।


उन्होंने बलि प्रथा के खिलाफ भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि हमारे सनातन धर्म में भी बलि प्रथा का उल्लेख है, लेकिन अब समय बदल चुका है। इसलिए हमें जीवों के प्रति हिंसा को समाप्त करना चाहिए।


लव जिहाद पर टिप्पणी

लव जिहाद को लेकर दिया बड़ा बयान


Bageshwar Dham Baba Dhirendra Krishna Shastri


लव जिहाद के मामलों में वृद्धि पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम साधुओं का कमंडल और बागेश्वर बालाजी का मंडल तैयार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मरने से पहले हम हिंदुओं के लिए कुछ ऐसा करेंगे कि भविष्य में कोई भी हिंदुओं की संस्कृति पर उंगली उठाने से पहले दो बार सोचेगा।


उन्होंने यह भी बताया कि हमारे संन्यासी बाबा की प्रेरणा और आशीर्वाद से सब कुछ निर्धारित होता है और कैलेंडर में भी यह लिखा होता है कि किस समय क्या करना है।


बकरीद का महत्व

भारत में कब मनाया जाएगा बकरीद?


इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, बकरीद ज़िलहिज्जा महीने की 10 तारीख़ को मनाई जाती है। सऊदी अरब में चांद दिखने के बाद 6 जून को बकरीद मनाई जाएगी, जबकि भारत में यह त्योहार 7 जून (शनिवार) को मनाया जाएगा। 28 मई की शाम को भारत में चांद दिखने के बाद यह तिथि निर्धारित की गई।


बकरीद केवल कुर्बानी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह अल्लाह के प्रति समर्पण, त्याग और मानवता की भावना का प्रतीक है। मुस्लिम समुदाय इसे पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाता है।