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धान खरीदी प्रक्रिया शुरू, कर्मचारियों पर लागू हुआ ESMA

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई है, जिसमें 2739 केंद्रों पर किसानों से धान की खरीद की जाएगी। राज्य सरकार ने कर्मचारियों पर ESMA लागू किया है, जिससे हड़ताल पर जाने की अनुमति नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने किसानों को प्रति क्विंटल 3100 रुपए का समर्थन मूल्य देने की घोषणा की है। तकनीकी उपायों के माध्यम से धान खरीद को सुगम बनाने के लिए कई नए सिस्टम लागू किए गए हैं। पहले दिन 19,464 क्विंटल धान की खरीद की गई, और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
 

धान खरीदी का आगाज, 2739 केंद्रों पर शुरू हुई प्रक्रिया


राज्य में शनिवार की सुबह से धान की खरीदारी की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इस बार धान की खरीद में किसी भी प्रकार की रुकावट न आए, इसके लिए राज्य सरकार ने कर्मचारियों पर छत्तीसगढ़ आवश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 लागू कर दिया है। यह अधिनियम 15 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा।


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने धान खरीदी उत्सव के दौरान कहा कि राज्य सरकार इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को इस बार भी प्रति क्विंटल 3100 रुपए का समर्थन मूल्य मिलेगा। प्रदेश में धान की खरीद के लिए 2739 केंद्र स्थापित किए गए हैं, और इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।


सरकार ने धान खरीद को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए तुहर टोकन ऐप, जीपीएस आधारित परिवहन, सतर्क ऐप और कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर जैसे आधुनिक उपायों को लागू किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को सुविधाजनक, सम्मानजनक खरीद और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना प्राथमिकता है। रजिस्टर्ड किसानों को धान बेचने के लिए तुहर ऐप से टोकन लेना होगा। जो किसान ऑनलाइन टोकन नहीं ले पा रहे हैं, उनके लिए मंडी में भी टोकन की व्यवस्था की गई है।


पहले दिन 19,464 क्विंटल धान की खरीद

पहले दिन 195 उपार्जन केंद्रों में 19,464 क्विंटल धान की खरीद की गई। राज्य के 2,739 उपार्जन केंद्रों में खरीदारी की व्यवस्था की गई है। सहकारी समितियों के कर्मचारियों द्वारा अवैध हड़ताल की आशंका के चलते विपणन संघ ने 2,739 डेटा एंट्री ऑपरेटरों की व्यवस्था की है ताकि धान की खरीद सुनिश्चित हो सके। पहले दिन प्रदेश में जारी कुल 2,029 टोकन में से 1,912 किसानों ने तुहर टोकन के माध्यम से आवेदन किया।


लापरवाही पर होगी कार्रवाई

राज्य सरकार के निर्देशानुसार धान खरीदी में लगे सभी कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी निभानी होगी। कोई भी कर्मचारी काम करने से मना नहीं कर सकता। सरकार ने धान खरीदी को अत्यावश्यक कार्य माना है। लापरवाही बरतने या काम करने से इंकार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें गिरफ्तारी भी शामिल हो सकती है। धान उपार्जन केंद्रों में समिति प्रबंधक, पटवारी, पंचायत विभाग के करारोपण कर्मचारी समेत कई विभागों के कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।