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धर्मेंद्र की यादें: जयपुर में शादी की पार्टी और राजस्थानी फिल्म में भूमिका

धर्मेंद्र के निधन ने उनके प्रशंसकों को शोक में डाल दिया है, लेकिन उनकी यादें आज भी जीवित हैं। जयपुर में उनकी शादी की पार्टी और कई हिट फिल्मों की शूटिंग ने इस शहर को एक विशेष पहचान दी। इस लेख में धर्मेंद्र की शादी, फिल्मी सफर और उनके योगदान पर चर्चा की गई है।
 

धर्मेंद्र का निधन और उनकी यादें

जयपुर। हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता धर्मेंद्र के निधन ने उनके प्रशंसकों को गहरे शोक में डाल दिया है, लेकिन उनके फिल्मी सफर की सुनहरी यादें आज भी जयपुर में जीवित हैं। 70 और 80 के दशक में धर्मेंद्र की कई हिट फिल्मों की शूटिंग राजस्थान में हुई।


जयपुर की पहचान बनी धर्मेंद्र की फिल्में

इस दौरान पिंक सिटी को एक विशेष पहचान मिली। 'मेरा गांव मेरा देश', बटवारा, बगावत, एलान-ए-जंग, जुल्म-ओ-सितम, और रजिया सुल्तान जैसी कई फिल्मों की शूटिंग जयपुर में की गई।


धर्मेंद्र की शादी की पार्टी का आयोजन

ट्रेवलर ऑपरेटर सुरेंद्र कालरा के अनुसार, 1980 में धर्मेंद्र ने अभिनेत्री हेमा मालिनी से विवाह किया। इस अवसर पर उनके खास दोस्तों के लिए एक पार्टी का आयोजन जयपुर के अजमेर रोड पर उनके मित्र विजय पूनिया के फार्महाउस पर हुआ। इस पार्टी में करीबी लोग शामिल हुए और उन्होंने नवविवाहित जोड़े को बधाई दी।


एलान-ए-जंग के लिए असली पिस्टल की मांग

कालरा ने बताया कि डायरेक्टर अनिल शर्मा की फिल्म 'एलान-ए-जंग' की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र ने डमी पिस्टल के बजाय असली पिस्टल की मांग की थी। इसके लिए विशेष अनुमति लेकर असली पिस्टल सेट पर लाई गई।


राजस्थानी फिल्म में धर्मेंद्र की भूमिका

फिल्म लेखक संतोष निर्मल ने बताया कि धर्मेंद्र ने एक राजस्थानी फिल्म में भी काम किया था, जिसे पूर्व सांसद प्रभा ठाकुर ने निर्देशित किया था। हालांकि, वह जयपुर आने का समय नहीं निकाल पा रहे थे, इसलिए उन्होंने सुझाव दिया कि शूटिंग मुंबई में की जाए।


धर्मेंद्र से पहली मुलाकात

फिल्म वितरक राज बंसल ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात धर्मेंद्र से जोधपुर में हुई थी, जब वह 'मैं बलवान' की शूटिंग कर रहे थे। बाद में जयपुर के रामबाग होटल में धर्मेंद्र ने उन्हें बुलाया और 'घायल' फिल्म की कहानी सुनाई।


छात्रों की फीस कम करने का प्रयास

जानकारों के अनुसार, सांसद रहते हुए धर्मेंद्र ने राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रों की फीस बढ़ोतरी के मामले में हस्तक्षेप किया और राज्यपाल से बात कर फीस कम करवाई। उनके इस कार्य के कारण उन्हें जयपुर के लोगों का प्यार मिला।