धर्मांतरण के आरोप में सात लोग हिरासत में, हंगामा हुआ
धर्मांतरण का नया मामला
हाल ही में शहर में धर्मांतरण का एक नया मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि जाटव और वाल्मीकि समुदाय के गरीब परिवारों को सहायता और सुविधाओं के नाम पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। उन्हें मुसीबतों से उबारने के बहाने ईसाई धर्म की किताबें पढ़ाई जाती थीं और प्रार्थना सभाओं में शामिल किया जाता था। इस सूचना के बाद, रविवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और हंगामा किया। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस ने केंद्र के संचालक डेविड और उसके छह सहयोगियों को हिरासत में लिया।
घटनास्थल और कार्रवाई
यह मामला थाना जगदीशपुरा के आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर सात में घटित हुआ। संदिग्ध धर्मांतरण गतिविधियों के चलते, मकान के बाहर विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता हंगामा कर रहे थे। एक महिला कार्यकर्ता ने मकान के अंदर जाकर वीडियो बनाते हुए ऊपरी मंजिल तक पहुंचकर गतिविधियों का रिकॉर्ड किया। इस पर, डेविड ने उसे पहले धमकाया और फिर समझौते के लिए लालच दिया। इसी बीच, बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के अन्य कार्यकर्ता भी वहां पहुंचे और डेविड तथा उसके सहयोगियों को पकड़ लिया।
गिरफ्तारी और सामग्री की बरामदगी
जगदीशपुरा थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। आक्रोशित कार्यकर्ताओं की बात सुनने के बाद, पुलिस ने डेविड और उसके सहयोगियों को हिरासत में लिया। गिरफ्तार व्यक्तियों के पास से बाइबिल, ईसाई धर्म से संबंधित पुस्तकें, फोटो प्रेम और मोबाइल फोन बरामद किए गए। इस कार्रवाई में ब्रज प्रांत उपाध्यक्ष सुनील पाराशर समेत कई विहिप कार्यकर्ता मौजूद थे।
धार्मिक साहित्य और कार्यप्रणाली
सुनील पाराशर ने बताया कि मकान से बड़ी मात्रा में ईसाई धर्म से संबंधित साहित्य बरामद हुआ है। डेविड नामक व्यक्ति इस केंद्र का संचालन कर रहा था और वाल्मीकि तथा जाटव समुदाय के लोगों को नौकरी, योजनाओं और स्वास्थ्य सुधार के नाम पर अपने जाल में फंसा रहा था। लोगों को बाइबिल पढ़ाई जाती थी। एसीपी लोहामंडी गौरव कुमार ने कहा कि हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ जारी है और पूरे मामले की जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।