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धर्मस्थल में हत्याओं और दुष्कर्मों के आरोपों की जांच में गिरफ्तारी

कर्नाटक के धर्मस्थल में पिछले दो दशकों में हुई हत्याओं और दुष्कर्मों के आरोपों की जांच में एक शिकायतकर्ता को गिरफ्तार किया गया है। सी. एन. चिन्नैया नामक व्यक्ति पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन उसकी दावों की प्रामाणिकता पर सवाल उठ रहे हैं। सुजाता भट ने अपनी लापता बेटी के मामले में कई विवादास्पद आरोप लगाए हैं, जिनका कोई ठोस सबूत नहीं है। एसआईटी की जांच में कई साक्ष्यों को खारिज किया गया है, जिससे मामला और भी जटिल हो गया है। उपमुख्यमंत्री ने न्याय की प्रक्रिया को जारी रखने का आश्वासन दिया है।
 

धर्मस्थल में विवादास्पद आरोपों की जांच

कर्नाटक के धर्मस्थल क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों में हुई कथित हत्याओं, दुष्कर्मों और शवों को दफनाने के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार को एक शिकायतकर्ता को गिरफ्तार किया। अधिकारियों के अनुसार, इस व्यक्ति की पहचान सी. एन. चिन्नैया के रूप में हुई है, जो जांच दल के समक्ष नकाब पहनकर पेश हुआ था। चिन्नैया को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट विजयेंद्र के सामने पेश किया गया, जहां एसआईटी ने विस्तृत जांच के लिए 10 दिन की हिरासत की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। एसआईटी के प्रमुख प्रणव मोहंती ने चिन्नैया से शुक्रवार रात तक पूछताछ की।


अनन्या भट का लापता होना और विवाद

सुजाता भट, जो कई महीनों से अपनी बेटी अनन्या भट के 2003 में धर्मस्थल से लापता होने का आरोप लगा रही हैं, ने कहा कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने इस मामले को दबा दिया। हालांकि, उनके दावों की प्रामाणिकता पर गंभीर संदेह उत्पन्न होता है, क्योंकि रिकॉर्ड और गवाहियों में कोई ठोस सबूत नहीं है।


साक्ष्यों की जांच और विवाद

सुजाता का कहना है कि उनकी बेटी मणिपाल के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा थी, लेकिन कॉलेज ने पुष्टि की है कि उस नाम की कोई छात्रा कभी नामांकित नहीं थी। इसके अलावा, उनके दावे का समर्थन करने के लिए कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं है।


एसआईटी की जांच में प्रमुख सबूतों का खंडन

इस मामले में एक पूर्व सफाई कर्मचारी भीमा ने शवों को दफनाने का दावा किया और एक खोपड़ी पेश की, लेकिन एसआईटी ने यह स्पष्ट किया कि अवशेष महिला के नहीं, बल्कि पुरुष के थे।


सुजाता के आरोपों में विरोधाभास

सुजाता ने यह भी कहा कि उसका अपहरण किया गया और उसे तीन महीने तक अस्पताल में कोमा में रखा गया, लेकिन अस्पतालों ने इस संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं दिया। इसके अलावा, उसने सीबीआई में काम करने का दावा किया, लेकिन एजेंसी ने उसके रोजगार का कोई रिकॉर्ड नहीं पाया।


धर्मस्थल के खिलाफ कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने कर्नाटक पुलिस से धर्मस्थल के खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। एसआईटी के निष्कर्षों ने इस मांग को और मजबूत किया है।


उपमुख्यमंत्री का बयान

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा कि गलत काम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जांच जारी है और सरकार न्याय के पक्ष में है।