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दुलीप ट्रॉफी 2025-27: दक्षिण क्षेत्र ने BCCI के निर्देशों को ठुकराया

दक्षिण क्षेत्र के चयनकर्ताओं ने दुलीप ट्रॉफी 2025-27 के लिए केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को शामिल करने से इनकार कर दिया है, जिससे BCCI के साथ टकराव उत्पन्न हुआ है। इस निर्णय ने घरेलू खिलाड़ियों को प्राथमिकता देने और शीर्ष खिलाड़ियों को मैच के लिए तैयार रखने के बीच एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दिया है। क्या यह कदम भारतीय क्रिकेट की चयन नीतियों को प्रभावित करेगा? जानें इस टकराव के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणाम।
 

BCCI और दक्षिण क्षेत्र के बीच टकराव का कारण

दक्षिण क्षेत्र के चयनकर्ताओं ने एक साहसिक कदम उठाते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के खिलाफ जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने आगामी दुलीप ट्रॉफी 2025-27 के लिए कई केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल नहीं किया है।


BCCI का संदेश और दक्षिण क्षेत्र की प्रतिक्रिया

कुछ दिन पहले, BCCI ने सभी क्रिकेट संघों को एक ईमेल भेजा था, जिसमें अनुरोध किया गया था कि केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को उनके संबंधित क्षेत्रीय टीमों में शामिल किया जाए। हालांकि, यह संदेश मुख्य रूप से दक्षिण क्षेत्र के लिए था, जिसने KL राहुल, वाशिंगटन सुंदर, मोहम्मद सिराज, साई सुदर्शन और प्रदीप कृष्ण जैसे प्रमुख नामों को बाहर रखा।


इसके बजाय, केवल तिलक वर्मा को टीम में स्थान मिला, जिससे बोर्ड ने आपत्ति जताई।


चयनकर्ताओं का बचाव

दक्षिण क्षेत्र के चयनकर्ताओं ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि दुलीप ट्रॉफी उन घरेलू खिलाड़ियों के लिए एक पुरस्कार होनी चाहिए जो रणजी ट्रॉफी और अन्य घरेलू सर्किट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।


दक्षिण क्षेत्र के एक अधिकारी का बयान

“केरल ने 90 वर्षों में पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई और खिताब से चूक गए। उनके खिलाड़ियों को दुलीप ट्रॉफी की टीम में स्थान मिलना चाहिए। यदि केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी इसमें शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें भी रणजी खेलना चाहिए और सभी की तरह क्वालीफाई करना चाहिए।”


चयन नीति पर बहस

इस निर्णय ने भारतीय क्रिकेट में एक चल रही बहस को जन्म दिया है। क्या दुलीप ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंटों को घरेलू खिलाड़ियों को अवसर देने पर प्राथमिकता देनी चाहिए, या इन्हें भारत के शीर्ष खिलाड़ियों को मैच के लिए तैयार रखने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए?


एशिया कप और अन्य प्रमुख टूर्नामेंटों के निकट होने के कारण, BCCI इस टकराव को कैसे संभालता है, यह भविष्य की चयन नीतियों को आकार दे सकता है।