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दुनिया का सबसे महंगा सेब: 10 करोड़ का गोल्डन एप्पल

मुंबई के ज्वेलरी डिज़ाइनर रोहित पिसाल ने एक अद्भुत गोल्डन एप्पल बनाया है, जिसकी कीमत 10 करोड़ रुपये है। यह सेब सोने और हीरे से बना है और भारतीय कारीगरी का प्रतीक है। इसे थाईलैंड के रॉयल पैलेस में प्रदर्शित किया जा रहा है, जहां कला प्रेमी इसकी खूबसूरती पर मोहित हो रहे हैं। जानें इस अनोखी कृति की कहानी और इसके पीछे की प्रेरणा।
 

गोल्डन एप्पल की अनोखी कहानी

दुनिया का सबसे महंगा सेब Image Credit source: Social Media

मुंबई के प्रसिद्ध ज्वेलरी डिज़ाइनर रोहित पिसाल, जिन्हें गोल्ड मैन के नाम से जाना जाता है, ने एक अद्भुत कृति बनाई है जो किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं लगती। कल्पना कीजिए, एक साधारण सेब की कीमत 10 करोड़ रुपये हो, यह सुनकर विश्वास करना कठिन है। लेकिन रोहित ने इसे वास्तविकता में बदल दिया है। उन्होंने सोने और हीरे से एक गोल्डन एप्पल तैयार किया है, जो भारतीय कारीगरी का प्रतीक बन चुका है।

यह कोई खाने योग्य फल नहीं है, बल्कि भारतीय ज्वेलरी कला का एक अद्वितीय नमूना है। रोहित ने इसे 18 कैरेट सोने और 9 कैरेट 36 सेंट के हीरे से बनाया है। इस सुनहरे सेब पर लगभग 1396 छोटे हीरे जड़े गए हैं, जिनकी चमक देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है। इसका वजन लगभग 29.8 ग्राम है, लेकिन इसकी बारीक कारीगरी इसे असली सेब जैसा दिखाती है। हर हिस्से को इस तरह से तराशा गया है कि उसकी बनावट पूरी तरह से प्राकृतिक लगे।

इस सेब की विशेषता

रोहित पिसाल का कहना है कि उन्होंने यह सेब केवल एक ज्वेलरी पीस के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय कला की गरिमा को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए बनाया है। उनका उद्देश्य था कि भारत की पारंपरिक ज्वेलरी कला को आधुनिक रूप में प्रस्तुत किया जाए। उनका यह गोल्डन एप्पल इसी सोच का प्रतीक बन गया है।

इस अनोखी कृति को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। इसके अलावा, वर्ल्ड इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (WIGI) ने इसे प्रमाणित किया है। इसका मतलब है कि इसमें इस्तेमाल किया गया सोना और हीरे असली हैं और उनकी गुणवत्ता उच्चतम स्तर की है। यह प्रमाणपत्र इस कृति को और भी खास बनाता है, क्योंकि यह केवल सुंदरता का प्रतीक नहीं, बल्कि एक प्रामाणिक कलाकृति भी है।

दुनिया में गोल्डन एप्पल की प्रदर्शनी

वर्तमान में, यह बेशकीमती गोल्डन एप्पल थाईलैंड के रॉयल पैलेस में प्रदर्शित किया जा रहा है। वहां विदेशी कलेक्टर्स और कला प्रेमी इसकी सुंदरता पर मोहित हो रहे हैं। कई लोगों ने इसे खरीदने की इच्छा जताई है और करोड़ों रुपये की पेशकश भी की है, लेकिन रोहित पिसाल के लिए यह केवल एक कलाकृति नहीं, बल्कि एक भावनात्मक उपलब्धि है। वह इसे भारतीय शिल्पकारों की प्रतिभा और मेहनत का प्रतीक मानते हैं.

दुनिया का सबसे महंगा सेब

गोल्डन एप्पल की हर झिलमिलाहट में भारतीय शिल्प की मेहनत झलकती है। इसकी खूबसूरती केवल हीरों या सोने की वजह से नहीं, बल्कि उस सृजनशीलता की वजह से है जिसने इसे जन्म दिया। यह सेब भारत की उस पुरानी परंपरा को भी याद दिलाता है जिसमें हर कला को पूजा के समान दर्जा दिया गया है।

रोहित पिसाल ने यह साबित कर दिया है कि कला की कीमत रुपये से नहीं, बल्कि उसकी भावना और सृजनशीलता से तय होती है। उनका यह गोल्डन एप्पल भविष्य में न केवल एक कीमती कलाकृति के रूप में जाना जाएगा, बल्कि भारतीय ज्वेलरी डिज़ाइन के इतिहास में एक स्वर्ण अध्याय बनकर दर्ज रहेगा.