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दिवाली से पहले उपभोक्ताओं के लिए जीएसटी में राहत

दिवाली 2025 से पहले उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने जीएसटी की नई दरें लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे सजावटी लाइट्स और मोमबत्तियों की कीमतें कम होंगी। हालांकि, पटाखों पर कोई राहत नहीं मिलेगी। जानें इस बदलाव का उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा और कैसे वे इस अवसर पर बचत कर सकते हैं।
 

जीएसटी में बदलाव से उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

इस बार दिवाली के अवसर पर उपभोक्ताओं के लिए एक सुखद समाचार आया है। केंद्र सरकार ने 22 सितंबर 2025 से जीएसटी की नई दरों को लागू करने का निर्णय लिया है। इस परिवर्तन का सीधा प्रभाव त्योहार से संबंधित वस्तुओं की कीमतों पर पड़ेगा। विशेष रूप से, घर सजाने के लिए उपयोग होने वाली लाइट्स और मोमबत्तियों की कीमतें कम होंगी, जबकि पटाखों पर कोई राहत नहीं मिलेगी।


सजावटी लाइट्स पर जीएसटी में कमी

पहले सजावटी लाइट्स पर 12% जीएसटी लगाया जाता था, जिसे अब घटाकर 5% कर दिया गया है। इस श्रेणी में हरिकेन लालटेन, केरोसिन लैंप, प्रेशर लालटेन, पेट्रोमैक्स, ग्लास चिमनी और हस्तनिर्मित लैंप शामिल हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई ग्राहक 5,000 रुपए की सजावटी लाइट्स खरीदता है, तो पहले उसे 536 रुपए जीएसटी देना पड़ता था, जो अब घटकर 238 रुपए रह जाएगा। इस प्रकार, एक खरीद पर लगभग 298 रुपए की बचत होगी।


पटाखों की कीमतें अपरिवर्तित

पटाखों की श्रेणी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इन पर पहले की तरह 18% जीएसटी लागू रहेगा, जिसमें 9% केंद्रीय जीएसटी (CGST) और 9% राज्य जीएसटी (SGST) शामिल हैं। यह टैक्स रेन रॉकेट्स, फॉग सिग्नल्स और अन्य पाइरोटेक्निक उत्पादों पर भी लागू होगा। इस प्रकार, इस दिवाली पटाखों की कीमतों में कोई राहत नहीं मिलेगी।


मोमबत्तियों की कीमतों में कमी

मोमबत्तियों पर जीएसटी की दर को भी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसका सीधा प्रभाव दिवाली पूजा और घर की सजावट में उपयोग होने वाली कैंडल्स पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, 500 रुपए की मोमबत्तियों पर पहले लगभग 56 रुपए जीएसटी देना होता था, जबकि नई दर के अनुसार यह घटकर केवल 24 रुपए रह जाएगा। इस प्रकार, उपभोक्ता को 32 रुपए की बचत होगी।


उपभोक्ताओं को लाभ

सरकार के इस निर्णय से दिवाली पर घर सजाने का खर्च कम होगा। हालांकि पटाखों की कीमतें नहीं घटी हैं, लेकिन लाइट्स और मोमबत्तियों पर टैक्स में कमी से कुल मिलाकर त्योहार का बजट हल्का पड़ेगा।