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दिवाली पर सोना या शेयर: कौन सा है बेहतर निवेश विकल्प?

दिवाली के मौके पर सोना खरीदने और शेयर बाजार में निवेश करने के बीच का चुनाव हर निवेशक के लिए महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम पिछले साल के प्रदर्शन, दीर्घकालिक रिटर्न और निवेश के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। जानें कि क्या इस बार सोना खरीदना सही है या शेयर बाजार में निवेश करना अधिक लाभकारी हो सकता है।
 

सोना खरीदें या शेयर में निवेश करें?

दिवाली पर सोना खरीदें या शेयर?

हर साल दिवाली के समय, घर की सफाई, मिठाइयों और रोशनी के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण सवाल हर निवेशक के मन में उठता है: इस बार सोना खरीदें या शेयर बाजार में निवेश करें? भारत में सोना केवल एक धातु नहीं है, बल्कि यह परंपरा, सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक है। दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन आज के आर्थिक परिदृश्य में, जहां शेयर बाजार भी आम लोगों के निवेश का हिस्सा बन गया है, यह सवाल और भी महत्वपूर्ण हो गया है कि दीर्घकालिक निवेश के लिए कौन सा विकल्प बेहतर है?

पिछले साल सोने ने किया अच्छा प्रदर्शन

हाल के आंकड़ों के अनुसार, सोना निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प साबित हुआ है। वैश्विक मंदी की आशंका, महंगाई और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव ने सोने को सुरक्षित निवेश का विकल्प बना दिया है। भारत में गोल्ड ईटीएफ जैसे निवेश साधनों ने पिछले एक साल में लगभग 50-55% रिटर्न दिया है। ये आंकड़े निश्चित रूप से आकर्षक हैं और कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर सकते हैं कि सोना सबसे सुरक्षित और लाभकारी विकल्प है। हालांकि, निवेश की दुनिया में केवल एक साल के प्रदर्शन के आधार पर निष्कर्ष निकालना जोखिम भरा हो सकता है।

शेयर बाजार ने दी है बेहतर दीर्घकालिक रिटर्न

यदि हम पिछले कुछ वर्षों का विश्लेषण करें, तो तस्वीर कुछ अलग नजर आती है। निफ्टी 50 जैसे प्रमुख इंडेक्स ने पिछले 10-15 वर्षों में औसतन 12-15% का सालाना कंपाउंड रिटर्न दिया है, जबकि सोने का रिटर्न इसी अवधि में 8-9% के आसपास रहा है। शेयर बाजार का एक बड़ा लाभ यह है कि इसमें आप कंपनियों की वृद्धि में भागीदारी करते हैं। जैसे-जैसे कंपनियों की कमाई बढ़ती है, आपका निवेश भी बढ़ता है। इसके अलावा, कुछ कंपनियां डिविडेंड भी देती हैं, जिससे आपको नियमित आय प्राप्त हो सकती है।

हर साल का ट्रेंड अलग होता है

यह एक दिलचस्प निवेश सिद्धांत है कि जो संपत्ति एक वर्ष में सबसे अच्छा प्रदर्शन करती है, वही अगले वर्ष कमजोर पड़ सकती है। उदाहरण के लिए, कई बार सोने की कीमतें 2-3 वर्षों तक तेजी से बढ़ती हैं, लेकिन उसके बाद कई वर्षों तक स्थिर या गिरती रहती हैं। इसलिए, केवल पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश करना समझदारी नहीं है। वर्तमान में सोना ऊंचे स्तर पर है, और यदि इसकी कीमतें स्थिर भी रहती हैं, तो निवेशकों को निराशा हो सकती है।

इस दिवाली क्या करें?

यदि आप परंपरा के अनुसार थोड़ी मात्रा में सोना खरीदना चाहते हैं, तो अवश्य करें, लेकिन इसे भावनात्मक खरीदारी मानें, न कि निवेश। वहीं, यदि आप आने वाले वर्षों में संपत्ति बनाना चाहते हैं, तो इक्विटी यानी शेयर बाजार में SIP के माध्यम से धीरे-धीरे निवेश करना अधिक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है। एक अच्छा तरीका यह भी हो सकता है कि आप दोनों में संतुलन बनाए रखें, यानी 10-15% पोर्टफोलियो में सोना और बाकी को लंबी अवधि के लिए अच्छे म्यूचुअल फंड या शेयरों में लगाएं.