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दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में जबरन वसूली रैकेट पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में चल रहे जबरन वसूली रैकेट के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार को जांच के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सतर्कता विभाग को दो सप्ताह में जांच अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 7 जनवरी, 2026 को होगी, जिसमें दिल्ली सरकार को स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। जानें इस मामले में और क्या हुआ है और कोर्ट ने क्या आदेश दिए हैं।
 

दिल्ली हाईकोर्ट का सख्त रुख


दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में चल रहे जबरन वसूली रैकेट के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग को निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द अनुशासनात्मक जांच पूरी करे और जेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जो इस रैकेट में शामिल हैं। इसके साथ ही, कोर्ट ने सतर्कता विभाग को दो सप्ताह के भीतर एक जांच अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया है।


यह आदेश तब दिया गया जब दिल्ली सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने कोर्ट को बताया कि वह सतर्कता विभाग के साथ मिलकर इस मामले को आगे बढ़ाएंगे और जांच के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति सुनिश्चित करेंगे। कोर्ट ने कहा कि अधिकारी की नियुक्ति के बाद सभी आवश्यक औपचारिकताएं भी जल्द पूरी की जाएं।


अगली सुनवाई की तारीख

7 जनवरी को होगी अगली सुनवाई


कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी, 2026 को होगी। इस दौरान दिल्ली सरकार को स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।


कोर्ट ने CBI को भी निर्देश दिया कि वह आपराधिक कार्यवाही में प्रगति के संबंध में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें तिहाड़ जेल में अवैध गतिविधियों और दुर्व्यवहार के बारे में चिंता जताई गई थी।


CBI जांच का आदेश

CBI जांच का आदेश


याचिका में आरोप लगाया गया था कि जेल के अंदर कैदियों की मदद से और जेल अधिकारियों की मिलीभगत से जबरन वसूली का रैकेट चलाया जा रहा है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, कोर्ट ने पहले एक न्यायिक अधिकारी को जेल का दौरा करने और जांच करने के लिए कहा था। रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने रिपोर्ट की समीक्षा के बाद CBI जांच का आदेश दिया।


इसके अलावा, कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जेल अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का भी निर्देश दिया। 28 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को उसके "उदासीन रवैये" के लिए फटकार लगाई और कहा कि वह निलंबित तिहाड़ जेल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने में विफल रही है।