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दिल्ली हाई कोर्ट में एयर प्यूरीफायर पर GST में कमी की याचिका पर सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर GST को 18% से घटाकर 5% करने की याचिका पर सुनवाई की। केंद्र सरकार ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसके पीछे के हितधारकों का पता लगाना आवश्यक है। ASG ने अदालत को बताया कि GST का निर्णय GST काउंसिल द्वारा लिया जाता है। कोर्ट ने केंद्र को विस्तृत उत्तर देने के लिए समय दिया है, और अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी। क्या आम आदमी एयर प्यूरीफायर खरीद सकेगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

दिल्ली हाई कोर्ट की सुनवाई


दिल्ली हाई कोर्ट में एयर प्यूरीफायर पर GST को 18% से घटाकर 5% करने की याचिका पर सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने इस याचिका को जनहित याचिका मानने से मना कर दिया और कहा कि इसके पीछे के हितधारकों का पता लगाना आवश्यक है। इसके अलावा, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने अदालत को बताया कि GST का निर्णय GST काउंसिल द्वारा लिया जाता है, जो एक संवैधानिक निकाय है। सभी राज्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय किया जा सकता है।


केंद्र ने एयर प्यूरीफायर पर GST में कमी के लिए याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा करने से कई जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को विस्तृत उत्तर देने के लिए समय दिया, जिसमें यह भी शामिल है कि GST काउंसिल एयर प्यूरीफायर पर GST दर में कमी पर चर्चा करने के लिए कब बैठक कर सकती है। अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।


सुनवाई के दौरान की गई चर्चाएँ

जस्टिस विकास महाजन और विनोद कुमार की पीठ में सुनवाई के दौरान ASG एन वेंकटरमन ने केंद्र का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस मामले पर वित्त मंत्री के स्तर पर चर्चा हुई थी और उन्हें इस याचिका को लेकर कुछ चिंताएँ हैं। यदि इसे प्रतिनिधित्व में बदला जा सकता है, तो ठीक है, लेकिन यदि चुनौती दी जाती है, तो वे एक विस्तृत काउंटर हलफनामा दाखिल करना चाहेंगे।


ASG ने यह भी कहा कि याचिका में जो प्रार्थनाएँ की गई हैं, उनमें स्वास्थ्य विभाग को पार्टी नहीं बनाया गया है, जबकि एयर प्यूरीफायर को चिकित्सा उपकरण घोषित करने की मांग की गई है। यह प्रक्रिया बहुत अधिक नियंत्रित है और इसमें कई नियम शामिल हैं।


आम आदमी की पहुंच

कोर्ट ने कहा कि उन्हें दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति को लेकर चिंता है। उन्होंने पूछा कि एयर प्यूरीफायर की कीमत को कम करने के लिए GST को क्यों नहीं घटाया जा सकता ताकि आम आदमी भी इसे खरीद सके। ASG ने कहा कि उन्हें इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए समय चाहिए।


याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि यह याचिका विरोधी नहीं है और उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के वकील ने नोटिफिकेशन को ठीक से नहीं पढ़ा है। कोर्ट ने कहा कि यदि इस पर विचार करना है, तो मामला रोस्टर बेंच के पास भेजा जाए।


GST काउंसिल की बैठक

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सभी चिकित्सा उपकरण शेड्यूल 1 के तहत आते हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि GST काउंसिल को निर्णय लेने में क्या समस्या है। ASG ने कहा कि इससे नए विवाद उत्पन्न हो सकते हैं और यह एक संवैधानिक मामला है।


कोर्ट ने कहा कि सभी को इस मुद्दे पर चिंता है और याचिकाकर्ता ने कहा कि यह एक सरल प्रक्रिया है। ASG ने कहा कि वे विस्तृत उत्तर दाखिल करेंगे। कोर्ट ने कहा कि बिना काउंटर हलफनामे के कुछ नहीं किया जा सकता।


अगली सुनवाई

कोर्ट ने कहा कि यदि बैठक होनी है, तो वह केवल भौतिक रूप से हो सकती है। ASG ने कहा कि विस्तृत उत्तर दाखिल करने की आवश्यकता है। इसलिए, अगली सुनवाई से पहले 10 दिनों में उत्तर दाखिल किया जाए। एयर प्यूरीफायर पर GST को 18% से घटाकर 5% करने की मांग को लेकर याचिका पर 24 दिसंबर को पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने GST काउंसिल से एक अर्जेंट मीटिंग करने का निर्देश दिया था।