दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी को भेजा नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त रुख
सोनिया गांधी और राहुल गांधी
नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा राउज एवेन्यू कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने के बाद, दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं सोनिया और राहुल गांधी समेत अन्य को नोटिस जारी किया है। जस्टिस रविन्द्र डुडेजा की अदालत ने इस मामले में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 12 मार्च को निर्धारित की गई है। ईडी ने विशेष जज विशाल गोगने के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने शिकायत पर संज्ञान लेने से मना कर दिया था।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में तर्क दिया कि यदि ट्रायल कोर्ट के निष्कर्ष को बरकरार रखा गया, तो यह गलत मिसाल पेश करेगा। उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव PMLA के अन्य मामलों पर भी पड़ेगा। यदि इस आदेश को सही माना जाता है, तो निजी शिकायतों पर कोर्ट के संज्ञान लेने की स्थिति में ईडी जांच नहीं कर सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में पहले स्वामी की शिकायत पर कोर्ट ने जो संज्ञान लिया था, वह IPC 420 के तहत आता है।
‘2000 करोड़ की संपत्ति का मामला’
SG तुषार मेहता ने कोर्ट में घटनाक्रम का विवरण दिया, जबकि गांधी परिवार की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने पेशी दी। उन्होंने कहा कि 50 लाख की राशि के लिए आरोपी को 2000 करोड़ की संपत्ति मिली। SG ने बताया कि एक निजी व्यक्ति ने सक्षम कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया।
इस संज्ञान को चुनौती दी गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसे सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया, जिसने सुनवाई से इनकार किया, लेकिन संज्ञान लेने के आदेश को मान्यता दी। मजिस्ट्रेट द्वारा लिए गए मामलों में IPC की धारा 420 शामिल है, जो एक शेड्यूल अपराध है।
‘जांच की आवश्यकता’
विवादित आदेश का सार यह है कि यदि कोई एक पृष्ठ की FIR फाइल करता है, तो क्या वह ED के लिए अपराध का मामला बन सकता है? कोर्ट ने पूछा कि क्या कोई ऐसा मामला है जिसमें किसी निजी शिकायत और कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के आधार पर ED ने कोई केस शुरू किया हो। SG ने कहा कि PMLA में अपराध के रजिस्ट्रेशन का तरीका स्पष्ट नहीं है। आवश्यक है कि एक आरोप हो, एक आपराधिक गतिविधि हो, और वह शेड्यूल्ड अपराध से संबंधित हो। कोर्ट ने पूछा कि क्या शिकायतकर्ता की जांच के बाद संज्ञान लिया गया था? SG ने पुष्टि की कि हां, गवाहों की भी जांच की गई थी।