दिल्ली सरकार की नई पहल: ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि स्वामित्व का सर्वेक्षण
दिल्ली में भूमि स्वामित्व के मुद्दों का समाधान
दिल्ली सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि पहचान, स्वामित्व और दस्तावेजीकरण से संबंधित लंबे समय से चल रहे मुद्दों को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि अब इन क्षेत्रों का व्यापक सर्वेक्षण किया जाएगा, अभिलेख तैयार किए जाएंगे और उनका सत्यापन एवं कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा।
यह प्रक्रिया एक निर्धारित कानूनी और प्रशासनिक ढांचे के तहत लागू की जाएगी, जिससे भूमि प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के साथ-साथ ग्रामीणों को स्वामित्व का कानूनी प्रमाण और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्वामित्व अधिकारों को सुनिश्चित करने और दशकों पुराने सीमा विवादों को सुलझाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी प्रयास है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 अप्रैल, 2020 को शुरू की गई स्वमित्वा योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबादी देह सर्वेक्षण और अभिलेख प्रबंधन नियम, 2025 का मसौदा तैयार किया है।
सर्वेक्षण की प्रक्रिया
इस मसौदे में ड्रोन आधारित हवाई सर्वेक्षण, क्षेत्र सत्यापन, सार्वजनिक आपत्ति प्रक्रियाएं, विवाद समाधान, डिजिटल रिकॉर्ड बनाने और संपत्ति कार्ड जारी करने की पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन न हो और भूमि विवादों का समाधान पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से किया जाए।
सरकारी प्रावधानों के अनुसार, यह सर्वेक्षण प्रक्रिया राजस्व विभाग के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में संचालित की जाएगी। सर्वेक्षण दल और तकनीकी एजेंसियां आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेंगी। ड्रोन और हवाई फोटोग्राफी के माध्यम से डिजिटल डेटा एकत्र किया जाएगा, जिससे प्रत्येक भूखंड के सटीक स्थान, आकार और सीमाओं का रिकॉर्ड सुनिश्चित किया जा सकेगा।