दिल्ली विस्फोट मामले में एनआईए की जांच में नए खुलासे
दिल्ली विस्फोट की जांच में महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिल्ली में हुए विस्फोट की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिली हैं। इन जानकारियों के अनुसार, कट्टरपंथ की गतिविधियाँ विभिन्न देशों से संचालित हो रही थीं। एनआईए अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी के विदेशी संबंधों की भी जांच कर रही है। मौलवी इरफान ने 300 से अधिक कश्मीरियों को आतंकवाद की ओर प्रेरित किया है।
एक अधिकारी ने बताया कि तुर्की, पाकिस्तान, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों से कुछ संदिग्धों के संपर्क की जानकारी मिली है। एनआईए इन देशों की एजेंसियों से भी संपर्क स्थापित करेगी। सूत्रों के अनुसार, चार आरोपियों में से तीन डॉक्टर और एक मौलवी को श्रीनगर से दिल्ली लाया गया है। इनमें से डॉ. मुजम्मिल शकील गनी और मौलवी मुफ्ती इरफान अहमद वागे ने एनआईए को कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी हैं।
जांच में शामिल चारों आरोपी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, अनंतनाग और लखनऊ से हैं। मौलवी इरफान और डॉ. मुजम्मिल के विदेश से जुड़े तार सामने आ रहे हैं।
एनआईए के अनुसार, मौलवी इरफान ने पिछले चार से पांच वर्षों में 300 से अधिक कश्मीरियों को कट्टरपंथी बनाया है। कुछ डॉक्टर और ओजीडब्ल्यू अब आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गए हैं। इरफान ने पूछताछ में बताया कि उसने अनंतनाग में एक ईदगाह से पिस्टल उठाकर आरिफ को दी थी।
विशेष एनआईए अदालत ने जसीर बिलाल वानी को रिमांड के दौरान अपने वकील से मिलने की अनुमति दी है। अदालत ने कहा कि एनआईए मुख्यालय में वकील अपने मुवक्किल से हर दूसरे दिन मिल सकता है। जसीर को 17 नवंबर को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था और उसे 10 दिन की रिमांड पर भेजा गया था।