दिल्ली विस्फोट के संदिग्ध की कार फरीदाबाद में मिली
दिल्ली के लाल किले के पास हुए घातक विस्फोट से जुड़े संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी की कार फरीदाबाद में मिली है। यह कार एक बड़े तलाशी अभियान के दौरान खोजी गई। जांच एजेंसियाँ इस मामले में गहराई से जांच कर रही हैं, जिसमें कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। विस्फोट में 12 लोगों की मौत हुई थी, और डॉ. उमर की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
Nov 12, 2025, 19:31 IST
फरीदाबाद में संदिग्ध की कार की बरामदगी
दिल्ली के लाल किले के निकट हुए घातक विस्फोट से जुड़े एक संदिग्ध की लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार को बुधवार को फरीदाबाद के खंडावली गाँव में एक बड़े तलाशी अभियान के दौरान खोजा गया। यह कार, जिसका पंजीकरण नंबर डीएल 10 सीके 0458 है, संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी उर्फ उमर मोहम्मद के नाम पर पंजीकृत थी। पुलिस ने बुधवार को व्यापक तलाशी अभियान शुरू करने के कुछ घंटों बाद यह कार खंडावली गाँव में एक घर के बाहर पाई।
यह स्थान अल-फ़लाह विश्वविद्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर है, जहाँ से डॉक्टरों और मौलवियों सहित कई संदिग्धों को जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार, जिस घर के बाहर कार मिली, वह उमर के एक मित्र का है। यह भी जानकारी मिली है कि उमर ने यह कार एक फ़र्ज़ी पते पर खरीदी थी। वर्तमान में, वाहन को घेराबंदी में रखा गया है और इसकी जांच के लिए विशेषज्ञ टीमों को बुलाया गया है।
शीर्ष खुफिया सूत्रों के अनुसार, हुंडई i20 और लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट की मौजूदगी एक सुनियोजित आतंकी मॉड्यूल की ओर इशारा करती है। इन वाहनों का उपयोग संभवतः विस्फोट को अंजाम देने और भागने में मदद के लिए किया गया था। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच कर रही है, और दिल्ली पुलिस के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस इकाइयाँ इस व्यापक नेटवर्क की पहचान करने में जुटी हैं।
यह विस्फोट सोमवार शाम को ऐतिहासिक लाल किले के पास हुआ, जो देश के प्रमुख स्थलों में से एक है और प्रधानमंत्री के वार्षिक स्वतंत्रता दिवस संबोधन का स्थल भी है। लाल किले के ट्रैफिक सिग्नल के पास एक धीमी गति से चल रहे वाहन में एक उच्च-तीव्रता वाला विस्फोटक उपकरण फट गया, जिससे 12 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डॉ. उमर उन नबी पर इस हमले में संलिप्तता का संदेह है। उनकी भूमिका उन्हें इस जांच में सबसे महत्वपूर्ण संदिग्धों में से एक बनाती है।