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दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों का प्रदर्शन: स्टडी मैटेरियल की कमी पर उठी आवाज़

दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के छात्रों ने अध्ययन सामग्री की कमी के खिलाफ प्रदर्शन किया है। सेमेस्टर का आधा समय बीतने के बावजूद छात्रों को आवश्यक अध्ययन सामग्री नहीं मिली है, जिससे उनकी परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो रही है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। जानें छात्रों की अन्य समस्याएं और उनकी मांगें इस लेख में।
 

छात्रों का प्रदर्शन

छात्र प्रदर्शनछवि श्रेय: सोशल मीडिया

दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) के छात्र इन दिनों गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सेमेस्टर का आधा समय बीत चुका है, लेकिन छात्रों को अभी तक अध्ययन सामग्री नहीं मिली है। इस मुद्दे को लेकर छात्रों ने सोमवार को डीयू के नॉर्थ कैंपस में एक प्रदर्शन आयोजित किया। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि उन्हें शीघ्र अध्ययन सामग्री नहीं दी गई और कक्षाएं पर्याप्त रूप से संचालित नहीं की गईं, तो उनका आंदोलन और भी बढ़ सकता है।

आइए जानते हैं कि डीयू के एसओएल में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने के नियम क्या हैं और छात्रों ने प्रदर्शन में क्या मांगें की हैं।

अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने का नियम

डीयू एसओएल के छात्रों का कहना है कि अध्ययन सामग्री की अनुपलब्धता के कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह स्थिति तब है जब सेमेस्टर का आधा समय बीत चुका है, जबकि यूजीसी के नियमों के अनुसार, सेमेस्टर शुरू होने के दो सप्ताह के भीतर छात्रों को अध्ययन सामग्री प्रदान करना अनिवार्य है।

छात्रों ने नॉर्थ कैंपस के बाहर एकत्र होकर इस मुद्दे का विरोध किया। उनका कहना है कि अध्ययन सामग्री न मिलने के कारण उनकी परीक्षा की तैयारी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है, जिससे कई छात्रों के फेल होने का खतरा बढ़ गया है।

कक्षाओं की कमी

छात्रों ने अध्ययन सामग्री की अनुपलब्धता के साथ-साथ कक्षाओं की कमी का भी आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पहले से अधिक फीस चुकाने के बावजूद, उन्हें इस सेमेस्टर में केवल 10 से 15 दिन की कक्षाएं ही मिल रही हैं, जो पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं। छात्रों का कहना है कि इतनी कम कक्षाओं के कारण उन्हें परीक्षा की तैयारी में कठिनाई हो रही है।

सिस्टम में खामियां

प्रदर्शनकारी छात्रों ने एसओएल में अध्ययन केंद्रों और शिक्षकों की संख्या की कमी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकांश अध्ययन केंद्रों पर निर्धारित विषयों में से केवल दो से चार विषयों की कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इसके अलावा, छात्रों ने एक ही समय में दो मुख्य विषयों की कक्षाएं आयोजित करने का भी आरोप लगाया।

छात्रों ने कहा कि अध्ययन केंद्रों पर सुविधाओं की कमी, जैसे कि अच्छे क्लासरूम और स्वच्छ शौचालयों का अभाव, कक्षाओं में भाग लेना और भी कठिन बना रहा है। इसके अलावा, छात्रों को उनके घरों से दूर अध्ययन केंद्रों पर भेजा जा रहा है, जिससे यात्रा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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