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दिल्ली में सोने और चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि

दिल्ली में सोने और चांदी की कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर पहुंच गई हैं, जहां सोने की कीमत 1.30 लाख रुपए और चांदी की कीमत 1.85 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इस महीने चांदी की कीमत में यह पांचवीं बार 60 हजार रुपए से अधिक का इजाफा हुआ है। जानकारों का मानना है कि त्योहारी मांग और चांदी की फिजिकल डिमांड में कमी के कारण यह वृद्धि हो रही है। जानें आगे की संभावनाएँ और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की स्थिति।
 

सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व उछाल

दिल्ली, देश की राजधानी, में सोने और चांदी की कीमतें नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। सोने की कीमत अब 1.30 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है, जबकि चांदी की कीमत 1.85 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। इस महीने चांदी की कीमत में यह पांचवीं बार 60 हजार रुपए या उससे अधिक का इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की मांग में कमी और त्योहारी सीजन में बढ़ती मांग के कारण यह वृद्धि हो रही है। इस साल चांदी की कीमत में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है।


सोने की कीमतें नई रिकॉर्ड पर


धनतेरस के अवसर पर खुदरा विक्रेताओं और आभूषण विक्रेताओं की खरीदारी के चलते मंगलवार को सोने की कीमतें 2,850 रुपए की वृद्धि के साथ 1,30,800 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गईं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में यह वृद्धि हुई है। पहले यह 1,27,950 रुपए पर बंद हुई थी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी इसी तरह बढ़कर 1,30,200 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई।


चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि


चांदी की कीमत में 6,000 रुपए की वृद्धि के साथ यह 1,85,000 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई है। यह लगातार पांचवें दिन की बढ़त है। पिछले सत्र में चांदी की कीमत 1,79,000 रुपए थी। इस साल चांदी की कीमत में 95,300 रुपए की वृद्धि हुई है, जो 2025 में 106.24 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की कीमतें जल्द ही 2 लाख रुपए के स्तर को छू सकती हैं।


अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी की स्थिति


व्यापारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के मौसम में आभूषण विक्रेताओं की मांग के कारण सर्राफा कीमतों में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी भी इस वृद्धि का एक कारण है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आई हैं, लेकिन फिर भी ऊंची बनी हुई हैं।