दिल्ली में विस्फोट: फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का संदिग्ध डॉ. उमर मोहम्मद
दिल्ली में विस्फोट की घटना
10 नवंबर की शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट एक चलती कार में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई और 29 अन्य घायल हुए। इस घटना में कई वाहन भी जलकर राख हो गए। घायलों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस, एसएफएल टीम, एनआईए और एनएसजी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। विस्फोट एक i20 कार में हुआ, जिस पर हरियाणा का नंबर प्लेट था। दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। इसके साथ ही, पुलिस कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है। राष्ट्रीय राजधानी को हाई अलर्ट पर रखा गया है और हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर कड़ी निगरानी की जा रही है।
डॉ. उमर मोहम्मद की भूमिका
दिल्ली विस्फोट मामले में एक नई जानकारी के अनुसार, फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का संदिग्ध डॉ. उमर मोहम्मद उस कार को चला रहा था, जिसका इस्तेमाल विस्फोट में किया गया था। डॉ. उमर का शव भी सोमवार को एलएनजेपी लाया गया। पुलवामा का निवासी डॉ. उमर मोहम्मद कथित तौर पर उस हुंडई i20 कार का चालक था, जिसका उपयोग लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट में किया गया।
परिवार की प्रतिक्रिया
डॉ. मोहम्मद उमर के परिवार ने विस्फोट मामले में उनके नाम आने पर गहरा सदमा व्यक्त किया है। उनकी भाभी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह एक अध्ययनशील युवक थे और किताबों में समय बिताते थे। परिवार को यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि वह एक आतंकी हमले में शामिल हो सकते हैं। पिछले हफ्ते फरीदाबाद में एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया गया था, जिसमें डॉ. उमर का नाम सामने आया।
परिवार की स्थिति
डॉ. उमर की भाभी ने बताया कि वह लगभग दो महीने पहले पुलवामा में अपने घर आए थे और हाल ही में उनसे बात की थी। उन्होंने कहा कि डॉ. उमर की गिरफ्तारी से परिवार पूरी तरह टूट गया है। उनकी माँ ने परिवार को गरीबी से बाहर निकालने के लिए बहुत मेहनत की थी और वह परिवार की एकमात्र उम्मीद थे।
आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़
यह हमला उस दिन हुआ जब जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। फरीदाबाद से 2,900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। यह बरामदगी अल-फ़लाह विश्वविद्यालय में काम करने वाले डॉक्टर मुज़म्मिल शकील के परिसर में छापेमारी के दौरान हुई।
विस्फोट की तकनीकी जानकारी
सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर अपने सहयोगी डॉ. शकील की गिरफ्तारी के बाद घबरा गए थे और उन्होंने लाल किले के पास विस्फोट किया। इस विस्फोट में संभवतः अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (एएनएफओ) का उपयोग किया गया था, जो आमतौर पर औद्योगिक विस्फोटकों में पाया जाता है।