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दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नई सरकारी घोषणाएं

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जिसके चलते मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। मजदूरों को ₹10,000 का मुआवजा दिया जाएगा और नौकरीपेशा लोगों के लिए 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कार्यालय चलाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा दिया जा रहा है। जानें और क्या कदम उठाए गए हैं इस समस्या के समाधान के लिए।
 

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति

नई दिल्ली


दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। मजदूरों, वाहन चालकों और नौकरीपेशा लोगों के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। दिल्ली सरकार अब प्रदूषण से निपटने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है।


दिल्ली सरकार ने प्रभावित मजदूरों को ₹10,000 का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही, नौकरीपेशा लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ कार्यालय चलाने का आदेश दिया है, जबकि अन्य कर्मचारियों को घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) के लिए कहा गया है।


सरकारी घोषणाएं और निर्देश

दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने 17 दिसंबर 2025 को प्रदूषण के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए कुछ कड़े निर्णय लिए गए हैं। कपिल मिश्रा ने बताया कि GRAP-3 के तहत कंस्ट्रक्शन वर्कर्स का काम बंद था, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई। सभी रजिस्टर किए गए मजदूरों के बैंक खातों में ₹10,000 DBT के माध्यम से ट्रांसफर किए जाएंगे।


दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम


दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नौकरीपेशा लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कपिल मिश्रा ने कहा कि सभी सरकारी और निजी प्रतिष्ठान केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ चलेंगे। स्वास्थ्य, बिजली, पानी, डिजास्टर मैनेजमेंट और पर्यावरण विभाग पर यह नियम लागू नहीं होगा। उन्होंने कार्य समय को लचीला बनाने की भी अपील की है।


जुर्माना और प्रदूषण की स्थिति

कपिल मिश्रा ने स्पष्ट किया कि यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की समस्या को खत्म करने में सरकार की कुछ गलतियां भी हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले 30 वर्षों का प्रदूषण केवल 5 महीनों में समाप्त नहीं किया जा सकता। सर्दियों में हर साल प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है, जिससे खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।