×

दिल्ली में वायु प्रदूषण विरोध प्रदर्शन: 17 आरोपी न्यायिक हिरासत में

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने वायु प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट पर हुए प्रदर्शन में शामिल 17 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इनमें 11 महिलाएं भी शामिल हैं। वकील ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें आई हैं और वकीलों को उनसे मिलने नहीं दिया गया। इस घटना में मिर्ची स्प्रे का उपयोग करने के आरोप में 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की वजहें।
 

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का निर्णय

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान 'पेपर स्प्रे' का उपयोग करने के आरोप में 17 व्यक्तियों, जिनमें 11 महिलाएं शामिल हैं, को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके अलावा, पांच अन्य आरोपियों को भी दो दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट अरिदमन सिंह चीमा ने एक आरोपी को उसकी उम्र की पुष्टि होने तक पर्यवेक्षण गृह में भेजने का आदेश दिया।


प्रदर्शनकारियों की वकील वर्तिका मणि ने बताया कि उन्हें एक मामले में दो दिन और दूसरे मामले में तीन दिन की न्यायिक हिरासत मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों की स्थिति बहुत खराब थी, उनके कपड़े फटे हुए थे और कई घायल थे।


वकीलों की पहुंच में बाधा

वर्तिका मणि ने यह भी कहा कि वकीलों को उनके मुवक्किलों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई, जो कि गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के कारणों का खुलासा नहीं किया गया और यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उन्हें हिरासत में लिया गया था या औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था।


प्रदर्शन के दौरान मिर्ची स्प्रे का उपयोग करने और माओवादी नेता मादवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाने के बाद 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा क्योंकि प्रदर्शनकारी हटने से इनकार कर रहे थे।


आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई

भाकपा (माओवादी) के एक प्रमुख कमांडर हिडमा को 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले में एक मुठभेड़ में मारा गया था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने के इरादे से हमला, स्वेच्छा से चोट पहुँचाना, लोक सेवकों के कर्तव्यों में बाधा डालना और वैध आदेश की अवज्ञा शामिल हैं।