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दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए टोल वसूली पर सर्वोच्च न्यायालय का सुझाव

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने टोल वसूली को निलंबित करने का सुझाव दिया है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि प्रदूषण के उच्च स्तर के बीच राजस्व जुटाना प्राथमिकता नहीं हो सकता। अदालत ने एनएचएआई को निर्देश दिया कि वह टोल बूथों को स्थानांतरित करने पर विचार करे और अगले वर्ष के लिए एक ठोस योजना तैयार करे। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुनवाई

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान, सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। न्यायालय ने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर टोल वसूली को निलंबित किया जाना चाहिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश, सूर्यकांत ने इस बात पर जोर दिया कि जब प्रदूषण का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है, तो टोल के माध्यम से राजस्व जुटाना प्राथमिकता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस गंभीर स्थिति में हमें टोल से आय की आवश्यकता नहीं है।


सर्वोच्च न्यायालय ने अगले वर्ष 31 जनवरी तक दिल्ली की सीमाओं पर टोल प्लाजा के संचालन के लिए एक ठोस योजना तैयार करने का इरादा व्यक्त किया। न्यायालय ने यह भी सुझाव दिया कि 1 अक्टूबर से 31 जनवरी के बीच टोल वसूली को निलंबित रखा जाना चाहिए, क्योंकि इस अवधि में राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण अपने चरम पर होता है। मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में नोटिस जारी करने का निर्देश भी दिया।


एनएचएआई ने नोटिस स्वीकार किया

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से पेश एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत का नोटिस स्वीकार कर लिया। पीठ ने एनएचएआई को निर्देश दिया कि वह दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित नौ टोल बूथों को ऐसे स्थानों पर स्थानांतरित करने पर विचार करे, जहां एनएचएआई के कर्मचारियों की तैनाती संभव हो सके।


अदालत ने सुझाव दिया कि टोल बूथों को हटाने या स्थानांतरित करने से होने वाले अस्थायी नुकसान की भरपाई के लिए एनएचएआई द्वारा एकत्र किए गए टोल राजस्व का एक हिस्सा एमसीडी के साथ साझा किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा को 50 किलोमीटर के अंतराल पर स्थापित किया जाना चाहिए, न कि 5 से 10 किलोमीटर की दूरी पर।


टोल प्लाजा के संचालन पर विचार

सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली के आसपास स्थित नौ टोल प्लाजा के संचालन को अस्थायी रूप से बंद करने की संभावना पर विचार करें। न्यायालय ने एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने और उसे रिकॉर्ड में दर्ज करने का आदेश दिया। पीठ ने यह भी कहा कि पर्यावरणीय चिंताओं और अवसंरचना प्रबंधन के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए तत्काल प्रशासनिक कार्रवाई आवश्यक है।