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दिल्ली में लापता व्यक्तियों की alarming संख्या: महिलाओं का अनुपात अधिक

दिल्ली में लापता व्यक्तियों की alarming संख्या सामने आई है, जिसमें 61 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, लापता व्यक्तियों में बच्चों और किशोरियों का अनुपात भी चिंताजनक है। पिछले दस वर्षों में लगभग 2.51 लाख लोग लापता हुए हैं। जानें इस समस्या के पीछे के कारण और इसके सामाजिक प्रभाव।
 

दिल्ली में लापता व्यक्तियों का आंकड़ा

15 अक्टूबर तक लापता 19,682 व्यक्तियों में से 61 प्रतिशत यानी 11,917 महिलाएं हैं। यह जानकारी दिल्ली पुलिस के आंकड़ों से प्राप्त हुई है।


आंकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि लापता महिलाओं का अनुपात लगातार अधिक बना हुआ है, जो शहर में लैंगिक असंतुलन की एक स्थायी प्रवृत्ति को दर्शाता है।


लापता व्यक्तियों का विवरण

लापता व्यक्तियों में 39 प्रतिशत (7,765) पुरुष थे। कुल लापता व्यक्तियों में से 55 प्रतिशत (10,780) का पता लगाया जा चुका है, जिनमें 61 प्रतिशत (6,541) महिलाएं और 39 प्रतिशत (4,239) पुरुष शामिल हैं।


आंकड़ों के अनुसार, लापता व्यक्तियों में 25 प्रतिशत (4,854) बच्चे और 75 प्रतिशत (14,828) वयस्क थे।


लापता व्यक्तियों की श्रेणी

जिन व्यक्तियों का पता लगाया गया, उनमें 31 प्रतिशत (3,337) बच्चे और 69 प्रतिशत (7,443) वयस्क थे।


यह भी सामने आया है कि लापता व्यक्तियों में महिलाएं और लड़कियां सबसे अधिक प्रभावित हैं। लापता हुए 4,854 बच्चों में से 72 प्रतिशत (3,509) लड़कियां और 28 प्रतिशत (1,345) लड़के थे। वयस्कों में 57 प्रतिशत (8,408) महिलाएं और 43 प्रतिशत (6,420) पुरुष थे।


किशोर लड़कियों का विशेष जोखिम

आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि किशोर लड़कियां संख्या और अनुपात दोनों के लिहाज से विशेष रूप से जोखिम में हैं। पिछले वर्ष, शहर में 24,893 व्यक्तियों के लापता होने की सूचना मिली थी, जिनमें से 59 प्रतिशत (14,752) महिलाएं और लड़कियां थीं।


दशकीय विश्लेषण

इनमें से 61 प्रतिशत (15,260) का पता लगाया गया। 2015 से 2025 तक के दशकीय विश्लेषण से यह पता चला है कि पिछले दस वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 2.51 लाख लोग लापता हुए, जिनमें 56 प्रतिशत (1,42,037) महिलाएं और 44 प्रतिशत (1,09,737) पुरुष शामिल हैं।