दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ की आशंका
यमुना नदी का खतरे के निशान को पार करना
दिल्ली में यमुना नदी ने खतरे के स्तर को पार कर लिया है, जिससे उत्तर भारत में भारी बारिश के बाद बाढ़ की चिंता बढ़ गई है। ऊपरी बैराजों से लगातार पानी का प्रवाह जारी है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बताया कि रविवार शाम लगभग 7 बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 204.60 मीटर तक पहुँच गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 मीटर से अधिक है।
हथिनीकुंड बैराज से पानी का प्रवाह
सीडब्ल्यूसी ने नदी के जलस्तर में वृद्धि को ऊपरी यमुना जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा और हथिनीकुंड तथा वज़ीराबाद बैराज से पानी छोड़े जाने से जोड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, 17 अगस्त को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की मात्रा और भारी वर्षा के चलते, यह अनुमान है कि 19 अगस्त, 2025 को सुबह 2 बजे के आसपास दिल्ली रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 206.00 मीटर को पार कर सकता है।
दिल्ली के लिए चेतावनी
दिल्ली के लिए चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का स्तर 205.33 मीटर है। 206 मीटर पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। सोमवार सुबह 7 बजे यमुना का जलस्तर 204.80 मीटर तक पहुँच गया। रविवार शाम को जलस्तर 204.60 मीटर के आसपास था। नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए पुराना रेलवे ब्रिज एक महत्वपूर्ण अवलोकन स्थल है।
बाढ़ की तैयारी और जलस्तर की निगरानी
अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जलस्तर में संभावित वृद्धि के मद्देनजर सभी एजेंसियों को एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है। केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने कहा कि जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार
हाल के हफ्तों में हुई बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। रविवार को हल्की बारिश के चलते वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' स्तर पर बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, रविवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 91 रहा, जो पिछले दिन के 118 से कम है।
बाढ़ की आशंकाएँ
पुराना रेलवे पुल बाढ़ की तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निगरानी केंद्र बना हुआ है। केंद्रीय बाढ़ कक्ष के अधिकारी ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा है। यह वृद्धि पिछले सप्ताहांत से लगातार देखी जा रही है।