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दिल्ली में मियाद पूरी कर चुके वाहनों के लिए समान नियमों की मांग

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है कि मियाद समाप्त वाहनों के लिए समान नियम लागू किए जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने ईंधन प्रतिबंध को स्थगित करने की मांग की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और इसके पीछे की चिंताएं क्या हैं।
 

दिल्ली सरकार का उच्चतम न्यायालय से अनुरोध

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को घोषणा की कि उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय से अनुरोध करेगी कि मियाद पूरी कर चुके वाहनों के लिए पूरे देश की तरह राष्ट्रीय राजधानी में भी समान नियम लागू किए जाएं।


ईंधन प्रतिबंध पर स्थगन की मांग

पिछले सप्ताह, दिल्ली सरकार ने केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग से मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध को तुरंत स्थगित करने का आग्रह किया। सरकार ने यह भी कहा कि वह तय मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर प्रतिबंध से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए सभी संभव प्रयास करेगी।


पर्यावरण मंत्री की चिंता

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष राजेश वर्मा को एक पत्र में बताया कि ईंधन पर प्रतिबंध लागू करना व्यवहारिक नहीं है और तकनीकी चुनौतियों के कारण इसे लागू नहीं किया जा सकता।


मुख्यमंत्री का बयान

गुप्ता ने एक कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के समक्ष जनता की भावनाओं को प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा, "हम उच्चतम न्यायालय को प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताएंगे। जो मानदंड पूरे देश में लागू हैं, वही दिल्ली में भी लागू होने चाहिए। हम चाहते हैं कि दिल्लीवासियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।"


पुराने वाहनों पर प्रतिबंध

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वर्ष 2018 में उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय में दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके अलावा, राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 2014 के आदेश में सार्वजनिक स्थानों पर 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों की पार्किंग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।