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दिल्ली में फोन हैकिंग के संदेह में किराएदार की हत्या

दिल्ली में एक किराएदार की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें उसके मकान मालिक पर फोन हैकिंग और दुर्लभ सिक्कों की चोरी के संदेह में हमला करने का आरोप है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने पीड़ितों पर हमले की बात स्वीकार की है। यह घटना कई सवाल उठाती है, जैसे कि क्या यह सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद था या इसके पीछे कोई बड़ा मामला है। जानें पूरी कहानी में क्या हुआ और पुलिस की जांच में क्या सामने आया।
 

दिल्ली में किराएदार की हत्या का मामला

दिल्ली में एक किराएदार की मौत का मामला सामने आया है, जिसमें उसके मकान मालिक पर फोन हैकिंग और दुर्लभ सिक्कों की चोरी के आरोप में हमला करने का संदेह है। पुलिस ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी दी।


पुलिस के अनुसार, आरोपी इरशाद (31) को 11 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह जिम में 'टर्मिन इंजेक्शन' का उपयोग करने का आदी था और हमले के समय भी उसने इसका सेवन किया था। पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) भीष्म सिंह ने बताया कि नौ नवंबर को पीड़ित तमन्ने ने अपने दो दोस्तों के साथ सुभाष प्लेस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके मकान मालिक ने उसकी पिटाई की।


पीड़ित बेहोश हो गया और उसे भगवान महावीर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पूछताछ में यह भी पता चला कि मृतक लॉरेंस रोड पर एक फैक्टरी में काम करता था और शकूरपुर में निवास करता था।


उसके सहकर्मी नाजिम ने बताया कि इरशाद ने पीड़ित और उसके साथी वीरेंद्र को फोन हैकिंग और सिक्कों की चोरी के संदेह में बंधक बना कर पीटा। दोनों किसी तरह शुक्रवार को उसके चंगुल से भागने में सफल रहे।


नाजिम ने पुलिस को बताया कि वीरेंद्र डर के कारण अपने पैतृक गांव बिहार भाग गया। आरोपियों को पकड़ने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए।


पुलिस ने 11 नवंबर को रोहिणी से इरशाद को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने दोनों पीड़ितों पर हमले की बात स्वीकार की और कहा कि उसे शक था कि वे उसके कारखाने में हुई डकैती के सबूत मिटाने के लिए उसका फोन हैक करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) के तहत मामला दर्ज किया है।