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दिल्ली में प्रदूषण से एयर प्यूरीफायर की बिक्री में भारी वृद्धि, GST घटाने की मांग

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने एयर प्यूरीफायर की बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि की है। लोग स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए इन उपकरणों का सहारा ले रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि मांग इतनी अधिक है कि स्टॉक खत्म हो रहा है। व्यापारियों ने एयर प्यूरीफायर पर लगे 18 प्रतिशत GST को घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है, ताकि ये उपकरण आम लोगों की पहुंच में आ सकें। जानिए इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
 

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का संकट

दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण अब केवल एक समस्या नहीं रह गया है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि राजधानी और उसके आस-पास के क्षेत्र गैस चैंबर की तरह महसूस हो रहे हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई स्थानों पर 500 के पार पहुंच चुका है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इस स्थिति के कारण दिल्ली और नोएडा में ग्रैप-4 जैसे सख्त नियम लागू किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग जहरीली हवा से राहत नहीं पा रहे हैं।


सांस लेने में कठिनाई, एयर प्यूरीफायर की आवश्यकता

प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, गले में खराश और लगातार खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक है। बाहर की हवा इतनी खराब हो चुकी है कि लोग अपने घरों और दफ्तरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं। इस डर और मजबूरी के चलते लोग अब शुद्ध हवा के लिए एयर प्यूरीफायर का सहारा ले रहे हैं।


एयर प्यूरीफायर की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि

पिछले दो से तीन महीनों में एयर प्यूरीफायर की बिक्री में लगभग पांच गुना वृद्धि देखी गई है। दुकानदारों के अनुसार, ग्राहक 5,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये से अधिक कीमत के एयर प्यूरीफायर खरीद रहे हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि अब केवल घरों में ही नहीं, बल्कि स्कूलों, अस्पतालों, सरकारी दफ्तरों और निजी कार्यालयों में भी एयर प्यूरीफायर लगाए जा रहे हैं।


स्टॉक की कमी का सामना कर रहे दुकानदार

एयर प्यूरीफायर बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि दिवाली के बाद जैसे ही प्रदूषण में तेजी आई, बिक्री में भी उछाल आ गया। जहां पहले पूरे साल में कुछ सौ प्यूरीफायर बिकते थे, वहीं इस साल कुछ ही महीनों में हजारों यूनिट बिक चुकी हैं। कई दुकानों पर मांग इतनी अधिक है कि सप्लाई पूरी नहीं हो पा रही है और ग्राहकों को वेटिंग में रहना पड़ रहा है। कुछ कंपनियों के पास तो स्टॉक खत्म हो चुका है।


व्यापारियों की GST घटाने की मांग

दिल्ली और देश के व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) का कहना है कि एयर प्यूरीफायर और HEPA फिल्टर पर 18 प्रतिशत GST बहुत अधिक है। CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल के अनुसार, जब सरकार खुद प्रदूषण को लेकर गंभीर है, तो शुद्ध हवा से जुड़े उपकरणों पर इतना अधिक टैक्स नहीं होना चाहिए। संगठन ने इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर GST को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है।


महंगाई की समस्या

व्यापारियों का कहना है कि अधिक GST के कारण एयर प्यूरीफायर आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाते हैं। एक ओर प्रदूषण से लोग बीमार हो रहे हैं और दूसरी ओर शुद्ध हवा पाने के लिए उन्हें महंगे उपकरण खरीदने पड़ रहे हैं। ऐसे में GST कम होने से एयर प्यूरीफायर सस्ते होंगे और अधिक लोग इन्हें खरीद सकेंगे।