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दिल्ली में प्रदूषण पर राजनीतिक विवाद: सिरसा ने केजरीवाल को अनपढ़ कहा

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को अनपढ़ कहकर एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। यह बयान उस समय आया जब आप नेता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा के दावों का मजाक उड़ाया था कि पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है। सिरसा ने आरोप लगाया कि आप पार्टी जानबूझकर किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर कर रही है। इस बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण 2 को लागू किया है।
 

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का विवादास्पद बयान

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को अनपढ़ करार देते हुए एक तीखी राजनीतिक बहस की शुरुआत की। यह टिप्पणी आप नेता सौरभ भारद्वाज के उस ट्वीट के संदर्भ में आई है, जिसमें उन्होंने भाजपा के इस दावे का मजाक उड़ाया था कि पंजाब में पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। सिरसा का यह जवाब भारद्वाज के मंगलवार के ट्वीट के बाद आया, जिसमें उन्होंने पंजाब में आग लगने और दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता के बीच के संबंध को व्यंग्यात्मक रूप से खारिज किया और पंजाब के 156 AQI का उल्लेख किया।


सिरसा का केजरीवाल पर हमला

एक इंटरव्यू में सिरसा ने कहा कि केजरीवाल खुद अनपढ़ हैं और उनके पुराने वीडियो में यह स्पष्ट है कि वे पंजाब में पराली जलाने और उसके प्रदूषण के दिल्ली तक पहुँचने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं। उन्होंने कहा, "अगर उनके अपने नेता ही अनपढ़ हैं, तो मैं क्या कर सकता हूँ?" सिरसा ने पहले भी आरोप लगाया था कि आप पार्टी पंजाब के किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर कर रही है।


किसानों की मजबूरी का आरोप

सिरसा ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी जानबूझकर पंजाब के किसानों को उनके चेहरे ढककर पराली जलाने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान पराली जलाना नहीं चाहते, लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया है, ताकि इसका प्रभाव दिल्ली पर पड़े। सिरसा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपने दस साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में पंजाब के किसानों को गालियाँ दीं।


दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 2 को लागू किया है। सीएक्यूएम ने कहा कि मौजूदा जीआरएपी के चरण 1 और 2 के तहत की जाने वाली कार्रवाइयों को एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा सावधानीपूर्वक लागू, निगरानी और समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर और न बिगड़े।