दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए AI आधारित रणनीति का प्रस्ताव
दिल्ली सरकार की नई पहल
दिल्ली सरकार प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेगी.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में सरकार प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम उठा रही है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक साल भर चलने वाली योजना पर काम किया जा रहा है। इस दिशा में, दिल्ली सरकार IIT कानपुर के साथ मिलकर AI आधारित एयर क्वालिटी इंटेलिजेंस और डेटा के माध्यम से प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लागू करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है।
इस प्रस्तावित सहयोग के तहत पर्यावरण विभाग कार्ययोजना, संस्थागत ढांचे और क्रमबद्ध कार्यान्वयन पर विचार कर रहा है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई वैज्ञानिक और रणनीतिक हो। निर्णय अब रियल-टाइम डेटा, प्रदूषण के स्रोतों की सटीक पहचान और मापनीय परिणामों के आधार पर लिए जाएंगे। इसके साथ ही ऐसे सिस्टम विकसित किए जाएंगे जो निरंतर निगरानी, विश्लेषण, पूर्वानुमान और कार्रवाई को दिशा दे सकें।
डेटा-आधारित निर्णय लेने की आवश्यकता
मंत्री सिरसा ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण कोई मौसमी अभियान नहीं हो सकता। दिल्ली को 365 दिनों का एक्शन फ्रेमवर्क चाहिए जिसमें तकनीक, शासन और प्रवर्तन का समन्वय हो और हर निर्णय डेटा-आधारित हो। इस रणनीति का एक महत्वपूर्ण आधार डायनामिक सोर्स अपॉर्शनमेंट है, जिससे धूल, परिवहन, उद्योग, बायोमास जलाने और क्षेत्रीय कारकों से होने वाले प्रदूषण का वैज्ञानिक निर्धारण किया जाएगा। इससे एजेंसियां सामान्य प्रतिबंधों के बजाय सीधे प्रदूषण के मूल कारणों पर कार्रवाई कर सकेंगी।
मंत्री सिरसा ने बताया कि प्रस्तावित मॉडल में बहु-एजेंसी समन्वय पर भी जोर दिया गया है, ताकि नगर निगम, जिला प्रशासन, प्रवर्तन एजेंसियां और तकनीकी संस्थान एक साझा डेटा प्लेटफॉर्म पर काम कर सकें। जब सभी एजेंसियां एक ही वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर काम करती हैं, तो कार्रवाई तेज, सटीक और प्रभावी होती है। हमारा लक्ष्य दिल्ली को फायरफाइटिंग से निकालकर वास्तविक रोकथाम की ओर ले जाना है।
सरकार के चार प्रमुख मोर्चे
दिल्ली सरकार फिलहाल चार प्रमुख मोर्चों पर काम कर रही है। इनमें वाहन उत्सर्जन, धूल नियंत्रण, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग और कचरा प्रबंधन शामिल हैं। निर्माण स्थलों पर कड़े डस्ट नॉर्म्स, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग, एंटी-स्मॉग गन्स और इलेक्ट्रिक पोल्स पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम के माध्यम से हवा में उड़ने वाले कणों को नियंत्रित किया जा रहा है। जिला मजिस्ट्रेट और डिविजनल कमिश्नर के नेतृत्व में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सीलिंग और बंदी की कार्रवाई जारी है। सभी लैंडफिल साइट्स पर बायो-माइनिंग के जरिए प्रतिदिन लगभग 35 मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का निपटान किया जा रहा है।
हालिया नागरिक कार्रवाई
निर्माण एवं विध्वंस (C&D) स्थल
* 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले C&D साइट्स का भौतिक निरीक्षण: 250
* 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले C&D साइट्स का निरीक्षण: 92
सड़क धूल नियंत्रण उपाय
* मैकेनिकल स्वीपिंग: 6,291 किमी
* पानी का छिड़काव: 1,694 किमी
* एंटी-स्मॉग गन्स की संख्या: 405
* हटाया गया कचरा: 12,012 मीट्रिक टन
वाहन प्रदूषण नियंत्रण
* प्रदूषण संबंधी चालान: 7,023
यातायात प्रबंधन
* ईस्टर्न व वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से डायवर्ट किए गए गैर-गंतव्य ट्रक: 65
* जाम मुक्त किए गए ट्रैफिक बिंदु: 41
जन-शिकायत निवारण
* मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त व निस्तारित शिकायतें: 58