दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर, सरकार ने उठाए सख्त कदम
दिल्ली में प्रदूषण का संकट
नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में ठंड के आगमन के साथ ही वायु प्रदूषण एक बार फिर से बढ़ने लगा है। दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर से खतरनाक स्तर पर पहुँच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 390 है, जो कि बहुत खराब श्रेणी में आता है। हालांकि, शहर के कुछ हिस्सों में यह आंकड़ा 400 के पार चला गया है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
प्रदूषण के हॉटस्पॉट: कहां कितनी जहरीली है हवा?
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि वहां सांस लेना भी कठिन हो रहा है। वर्तमान में नेहरू नगर दिल्ली का सबसे प्रदूषित क्षेत्र बन गया है।
इलाका AQI स्तर श्रेणी
नेहरू नगर 442 गंभीर (Severe)
पटपड़गंज 431 गंभीर (Severe)
शादीपुर 429 गंभीर (Severe)
आरके पुरम 412 गंभीर (Severe)
सीरी फोर्ट 402 गंभीर (Severe)
शिवाजी पार्क 400 गंभीर (Severe)
सरकार का बड़ा फैसला: GRAP-4 की दो पाबंदियां अब स्थायी
दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं। प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू ग्रैप-4 (GRAP-4) के तहत दो महत्वपूर्ण पाबंदियों को अब स्थायी रूप से लागू किया गया है। इसका अर्थ है कि हवा में सुधार होने पर भी ये नियम लागू रहेंगे, ताकि भविष्य में प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
AQI का क्या अर्थ है?
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा को दर्शाता है।
0-50: अच्छा
51-100: संतोषजनक
301-400: बहुत खराब
401-500: गंभीर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि 400 से ऊपर का AQI स्वस्थ व्यक्तियों को भी प्रभावित कर सकता है और पहले से बीमार लोगों के लिए यह जानलेवा हो सकता है।