दिल्ली में पिता द्वारा बेटे की हत्या: एक शादी से पहले का दिल दहला देने वाला मामला
दिल्ली के देवली में एक परिवार में खुशी का माहौल
दिल्ली के देवली क्षेत्र में एक घर में उत्सव का माहौल था। महिलाएं मेहंदी लगवा रही थीं, बच्चे गुब्बारों के साथ खेल रहे थे, और डीजे पर सब नाच रहे थे। यह सब इसलिए था क्योंकि घर का बेटा, गौरव सिंघल, एक जिम ट्रेनर, अगले दिन शादी करने वाला था। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह खुशी का पल मातम में बदल जाएगा।
पिता-पुत्र के बीच का विवाद
गौरव के पिता, रंगलाल, के साथ उसका पिछले सात वर्षों से विवाद चल रहा था। दोनों के बीच इतनी दूरी आ गई थी कि वे एक-दूसरे से बात भी नहीं करते थे। लेकिन इस गुस्से ने एक भयानक रूप ले लिया।
शादी की पूर्व संध्या पर, रंगलाल ने अपने बेटे को निर्माणाधीन इमारत में बुलाया और वहां अपने तीन साथियों के साथ मिलकर उसे कुदाल से बेरहमी से मार डाला। जिस बेटे को उसने अपने हाथों से पाला था, उसी को उसने तड़पते हुए मार डाला।
घटना का विवरण
यह दिल दहला देने वाली घटना बुधवार रात को दक्षिणी दिल्ली के देवली में हुई। गौरव सिंघल, जो एक जिम संचालक था, की हत्या के आरोप में उसके पिता रंगलाल को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस तीन अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दो मार्च को भी पिता-पुत्र के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद रंगलाल काफी गुस्से में था। गौरव की शादी गुरुवार को थी और शादी से पहले घर में संगीत का कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान एक पड़ोसी युवक ने गौरव को बताया कि उसके पिता उसे बुला रहे हैं। गौरव अपने पिता के पास गया, जहां उसे कुदाल से हमला किया गया। आरोपियों ने हत्या के बाद शव को एक अन्य कमरे में छिपा दिया और मौके से भाग गए। जब परिवार ने गौरव को नहीं पाया, तो उसकी तलाश शुरू की गई। देर रात जब परिजन निर्माणाधीन इमारत में पहुंचे, तो वहां गौरव का खून से लथपथ शव मिला।
परिवार का दुख
जब परिवार ने गौरव की लाश देखी, तो घर का माहौल पूरी तरह से बदल गया। हंसी-ठहाकों की जगह अब चीखें थीं। रिश्तेदारों के लिए यह एक शर्मनाक स्थिति थी। एक पिता का यह क्रूर चेहरा समाज के सामने एक कड़वा सच रखता है – "जब खून ही खून का दुश्मन बन जाए, तो भरोसे की नींव कहां रह जाती है?"
समाज के लिए सीख
इस दर्दनाक घटना से समाज को क्या सीख मिलती है?
- रिश्तों की दरार को समय रहते सुलझाएं – संवाद और समझ से रिश्तों को बचाया जा सकता है।
- गुस्से का इलाज सिर्फ सजा नहीं, संवेदना है – मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक काउंसलिंग को नजरअंदाज न करें।
- हमारे आसपास की कलह को अनदेखा न करें – पड़ोस में रिश्तों में दरार दिखने पर मदद का हाथ बढ़ाएं।
- कानूनी जागरूकता और त्वरित कार्रवाई आवश्यक है – अपराध की योजना कई बार शब्दों में ही दिख जाती है।
समाज को सोचने की ज़रूरत है
समाज को सोचने की ज़रूरत है...
एक शादी से कुछ घंटे पहले की गई यह हत्या केवल एक परिवार का नहीं, पूरे समाज का शोक है। यह दर्शाता है कि जब आत्मसम्मान, अहंकार और कटुता रिश्तों से ऊपर हो जाती है, तो प्यार की जगह खून और नफरत ले लेती है।