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दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-2 का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-2 का उद्घाटन किया है, जो नोएडा और IGI हवाई अड्डे के बीच यात्रा को 20 मिनट में पूरा करने का वादा करता है। यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी में भी सुधार लाएगी। द्वारका एक्सप्रेसवे का लगभग 70% हिस्सा ऊंचा है, जिससे यह शहरी ट्रैफिक से अलग रहता है। इस परियोजना के तहत एक सीधा सुरंग भी शामिल है, जो हवाई अड्डे से सीधे जुड़ती है।
 

शहर में यात्रा को आसान बनाएगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-2 (UER-2) के दो महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। ये परियोजनाएं नोएडा और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) के बीच यात्रा को बदलने का वादा करती हैं।


इन नई उच्च गति मार्गों के शुरू होने से नोएडा से IGI हवाई अड्डे तक यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। पहले जहां यह यात्रा एक घंटे या उससे अधिक समय लेती थी, वहीं अब UER-2 और द्वारका एक्सप्रेसवे के खुलने से यह दूरी केवल 20 मिनट में तय की जा सकेगी, खासकर ट्रैफिक जाम के दौरान।


द्वारका एक्सप्रेसवे: विस्तृत योजना और निर्माण

29 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे महिपालपुर, दिल्ली से शुरू होकर गुड़गांव के खेरकी दौला तक फैला है। इसमें से 10.1 किलोमीटर दिल्ली में और 18.9 किलोमीटर हरियाणा में है। इस परियोजना को चार पैकेज में 9,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है और इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह NH-48 जैसे व्यस्त मार्गों पर बोझ को कम कर सके।


यह एक आठ लेन वाला ग्रेड-सेपरेटेड एक्सप्रेसवे है, जिसमें दोनों तरफ तीन लेन की सेवा सड़कें शामिल हैं। ट्रैफिक को मल्टी-लेवल इंटरचेंज और अंडरपास के माध्यम से बिना रुकावट के आगे बढ़ने की अनुमति है। खास बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे का लगभग 70% हिस्सा ऊंचा है, जिससे यह शहरी ट्रैफिक से लगभग अलग रहता है। इसमें ट्रैफिक तीन स्तरों पर चलता है - ऊंचा मार्ग, सतह मार्ग और अंडरपास नेटवर्क।


दिल्ली के IGI हवाई अड्डे से कनेक्टिविटी

इस परियोजना की एक विशेषता एक सीधा सुरंग है, जो एक्सप्रेसवे को सीधे IGI हवाई अड्डे से जोड़ती है। यह सुरंग यात्रियों और मालवाहन वाहनों के लिए तेज और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करेगी। इसके परीक्षण रन मई 2025 में सफलतापूर्वक पूरे हुए थे।


इन मेगा परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ, दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी और यात्रा की दक्षता में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है। इसे भारत के आधुनिक और स्मार्ट बुनियादी ढांचे की दिशा में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है।