दिल्ली में दिवाली पर ग्रीन पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट का संभावित निर्णय
नई दिल्ली: दिवाली के आगमन से पहले, सुप्रीम कोर्ट के संकेतों ने दिल्ली में हलचल पैदा कर दी है। अदालत ने यह संकेत दिया है कि इस बार 'ग्रीन पटाखों' की बिक्री को अनुमति दी जा सकती है, और सोमवार को इस पर अंतिम निर्णय आने की उम्मीद है। यदि कोर्ट इस पर सहमति देता है, तो पांच साल के प्रतिबंध के बाद त्योहारों में आतिशबाज़ी फिर से देखने को मिल सकती है.
पर्यावरण पर चिंता
कुछ लोग इसे परंपरा और खुशी से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि पर्यावरण के प्रति जागरूक लोग और चिकित्सक इस पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि ग्रीन पटाखे भी वायु को प्रदूषित करते हैं, और दिल्ली की सर्दियों में यह समस्या और बढ़ जाती है। कार्यकर्ता भावना कंधारी ने कहा, “ग्रीन पटाखे नाम के हैं, लेकिन वास्तव में ये भी हानिकारक हैं। एक रात की आतिशबाज़ी से हवा कई दिनों तक खराब रहती है।”
व्यापारियों की राय
पटाखा व्यापारियों का मानना है कि यदि ग्रीन पटाखों को अनुमति मिलती है, तो इससे अवैध व्यापार पर अंकुश लगेगा और लोग सुरक्षित विकल्प चुन सकेंगे। दिल्ली फायरवर्क्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के सदस्य राजीव जैन ने कहा, “कड़े प्रतिबंधों के कारण लोग चोरी-छिपे पारंपरिक पटाखे खरीदते हैं। अनुमति मिलने से बाजार को नियंत्रित किया जा सकेगा।”
स्वास्थ्य पर प्रभाव
हालांकि, चिकित्सक और अभिभावक इसे बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक मानते हैं। दिल्ली की हवा पहले से ही प्रदूषित है, और त्योहारों के मौसम में प्रदूषण में वृद्धि निश्चित है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी प्रकार की छूट इस दिवाली को और अधिक प्रदूषित बना सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के निर्णय पर टिकी हैं। यह तय करेगा कि इस बार दिल्ली की दिवाली रोशनी और ध्वनि से भरी होगी या लोग सांस लेने की राहत के लिए शांति को ही त्योहार मानेंगे।