दिल्ली में ज़ुबिन गर्ग के सम्मान में भव्य समारोह का आयोजन
दिल्ली में 16 नवंबर 2025 को ज़ुबिन गर्ग के सम्मान में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनके जीवन और योगदान पर आधारित त्रिभाषीय पुस्तक का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि रॉबिन हिबू ने ज़ुबिन को एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बताया और उनके नाम पर स्कॉलरशिप की शुरुआत का सुझाव दिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ज़ुबिन की सांस्कृतिक विरासत को पहचान दिलाना और उनकी यादों को साझा करना था।
Nov 17, 2025, 16:41 IST
ज़ुबिन गर्ग को समर्पित समारोह
प्रसिद्ध गायक और संगीतकार ज़ुबिन गर्ग की सांस्कृतिक पहचान को मान्यता देने के लिए 16 नवंबर 2025 को दिल्ली के श्रीमन्त शंकरदेवा भवन में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम NRD ग्रुप और असम लाइव 24 द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें स्पेशल कमिश्नर रॉबिन हिबू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
ज़ुबिन गर्ग का जन्मदिन और श्रद्धांजलि
NRD ग्रुप के सीएमडी नृपेन दास ने ज़ुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जन्मदिन, 18 नवंबर, केवल असम के लिए नहीं, बल्कि विश्वभर के प्रशंसकों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस अवसर पर ज़ुबिन गर्ग के जीवन और उनके योगदान पर आधारित एक त्रिभाषीय पुस्तक का विमोचन भी किया गया। नृपेन दास ने बताया कि ज़ुबिन गर्ग को विश्वभर में प्यार मिला, इसलिए उनके जन्मदिन का आयोजन दिल्ली में किया गया। इसके साथ ही गुवाहाटी में भी एक कार्यक्रम का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि ज़ुबिन दा की उपस्थिति हमेशा हमारे बीच महसूस होती है।
मुख्य अतिथि की प्रशंसा
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी रॉबिन हिबू ने ज़ुबिन को केवल एक कलाकार नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि ज़ुबिन के नाम पर स्कॉलरशिप जैसी पहलों की शुरुआत की जानी चाहिए ताकि नई पीढ़ियाँ उनके योगदान को याद रख सकें। इसके अलावा, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में ज़ुबिन गर्ग की एक प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की, ताकि लोग जान सकें कि एक ऐसा कलाकार था जिसे उत्तर-पूर्व से गहरा प्रेम था। उन्होंने इस आयोजन को सराहनीय बताया।
ज़ुबिन गर्ग की यादें
असम की बोर्नाली कलिता, जिन्होंने ज़ुबिन के साथ 4000 से अधिक गाने गाए, ने कहा कि ज़ुबिन का नाम जितना बड़ा था, उनकी जिंदगी उतनी ही सरल थी। वे केवल गायक नहीं, बल्कि एक सच्चे इंसान थे। उनकी टीम के साथ घुलने-मिलने की कला अद्वितीय थी। दिगंत भारती, जिन्होंने ज़ुबिन के कई गाने लिखे, ने कहा कि अब हमारे कंधों पर ज़ुबिन दा की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। ज़ुबिन का नाम इतिहास में अमर हो गया है।
सांस्कृतिक विरासत का सम्मान
ज़ुबिन गर्ग ने उत्तर-पूर्व के लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया था। एक वक्ता ने कहा, “जब कोई दिल जीत लेता है, तो शब्दों की ज़रूरत नहीं रह जाती।” दिल्ली में यह सामूहिक समारोह केवल एक जन्मदिन नहीं था, बल्कि ज़ुबिन गर्ग की यादों को साझा करने का एक भावनात्मक मंच भी था। असम की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम का लक्ष्य ज़ुबिन की कलात्मक यात्रा के प्रभाव को उजागर करना था।
त्रिभाषीय पुस्तक का विमोचन
कार्यक्रम की विशेषता ज़ुबिन गर्ग के जीवन, संघर्ष, उपलब्धियों और रचनात्मक यात्रा पर आधारित विस्तृत त्रिभाषीय वॉल्यूम का विमोचन था। इसे तीन भाषाओं में तैयार किया गया है ताकि देशभर के लोग उनकी कला और व्यक्तित्व से जुड़ सकें। आयोजकों का मानना है कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर बनेगी।