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दिल्ली में घने कोहरे और गंभीर वायु प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली में शनिवार को घने कोहरे के कारण दृश्यता में कमी आई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 384 तक पहुंच गया, जो गंभीर श्रेणी के निकट है। अधिकारियों ने बताया कि कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, और अगले दो दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम के तहत, बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र वाले वाहनों को ईंधन नहीं दिया जा रहा है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

दिल्ली में कोहरे और प्रदूषण का हाल

शनिवार की सुबह, दिल्ली के कई क्षेत्रों में घने कोहरे के चलते दृश्यता में काफी कमी आई, और राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 384 के स्तर पर पहुंच गया, जो 'गंभीर' श्रेणी के निकट है।


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, एक्यूआई को 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है।


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह साढ़े आठ बजे तक सफदरजंग में सबसे कम दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई, जबकि पालम में यह 350 मीटर रही।


अधिकारियों ने बताया कि शनिवार सुबह राजधानी के विभिन्न हिस्सों में घनी धुंध और कोहरे का असर रहा, जिससे दृश्यता में कमी आई।


सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 16 ने 'गंभीर' श्रेणी में एक्यूआई दर्ज किया, जबकि 24 केंद्रों पर यह 'बेहद खराब' रहा। आईटीओ में एक्यूआई 437 के साथ सबसे खराब स्थिति देखी गई।


शुक्रवार को दिल्ली का एक्यूआई 374 था, जिसमें 40 निगरानी केंद्रों में से 11 गंभीर श्रेणी में और 29 'बेहद खराब' श्रेणी में थे।


दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (एक्यूईडब्ल्यूएस) ने अनुमान लगाया है कि अगले दो दिनों में प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है, और रविवार तथा सोमवार को यह 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच सकता है।


प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए, बृहस्पतिवार से दिल्ली के बाहर के उन निजी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है जो बीएस-छह मानक से नीचे हैं। इसके साथ ही 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम को भी सख्ती से लागू किया गया है।


'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम के तहत, जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) नहीं है, उन्हें पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जा रहा है। प्रदूषण मापने वाले ऐप 'समीर' के अनुसार, शनिवार को नोएडा का एक्यूआई 416, ग्रेटर नोएडा में 362, गाजियाबाद में 360 और गुरुग्राम में 348 दर्ज किया गया।