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दिल्ली में क्लाउड सीडिंग प्रयास: प्रदूषण कम करने की नई पहल

दिल्ली में नई भाजपा सरकार ने क्लाउड सीडिंग पहल को पुनर्जीवित किया है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण को कम करना है। हाल ही में किए गए परीक्षणों में पीएम10 के स्तर में कमी आई है, लेकिन वायु गुणवत्ता में सुधार सीमित रहा। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि यह प्रयास केवल एक उपाय पर निर्भर नहीं है। जानें इस पहल के परिणाम और चुनौतियाँ।
 

दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का पुनरुद्धार

इस वर्ष, नई भाजपा सरकार ने दिल्ली में क्लाउड सीडिंग परियोजना को फिर से शुरू किया है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर बनी हुई है। रेखा गुप्ता के नेतृत्व में, दिल्ली सरकार ने अक्टूबर से दिसंबर के बीच IIT कानपुर के साथ मिलकर 3 करोड़ रुपये की लागत से पांच क्लाउड-सीडिंग परीक्षण किए।


क्लाउड सीडिंग के परिणाम

हाल ही में मयूर विहार और बुराड़ी में किए गए क्लाउड सीडिंग परीक्षणों के परिणामस्वरूप पीएम10 के स्तर में 41.9 प्रतिशत तक की कमी आई है, और वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी सुधार देखा गया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। हालांकि, ये परिणाम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक योजना का हिस्सा हैं, जिसमें सख्त प्रवर्तन, सड़क सफाई, वाहन उत्सर्जन की जांच और अपशिष्ट प्रबंधन शामिल हैं।


पर्यावरण मंत्री का बयान

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि बादलों में नमी के कम स्तर के बावजूद, परीक्षण से पार्टिकुलेट मैटर में कमी आई है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे प्रयास केवल एक ही उपाय पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि तकनीक को नागरिक सहभागिता और प्रवर्तन के साथ जोड़कर ठोस सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 279 है।


क्लाउड सीडिंग की चुनौतियाँ

क्लासिक फिल्म 'लगान' में बारिश का दृश्य महत्वपूर्ण था, और मंगलवार को दिल्लीवासियों को भी इसी तरह की उम्मीद थी कि क्लाउड सीडिंग के बाद बारिश होगी। लेकिन, एक भी बूँद नहीं गिरी, और प्रदूषण की स्थिति पहले जैसी ही बनी रही। पिछले कुछ वर्षों में, दिल्ली की सरकारें सर्दियों में क्लाउड सीडिंग के विचार पर विचार कर रही हैं, लेकिन यह केवल एक अस्थायी उपाय है।


क्लाउड सीडिंग प्रयोग का विवरण

दिल्ली सरकार ने IIT कानपुर के साथ मिलकर 3 करोड़ रुपये की लागत से क्लाउड सीडिंग परीक्षण किए। मंगलवार को, IIT कानपुर से एक विमान ने लगभग 400 किलोमीटर की यात्रा की और बुराड़ी, मयूर विहार और करोल बाग के ऊपर सिल्वर आयोडाइड का मिश्रण छिड़का। हालांकि, इस प्रयोग का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया और वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी रही।