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दिल्ली में कार विस्फोट: भाई-बहन की भूमिका की जांच में नया मोड़

दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण कार विस्फोट ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है। जांच में भाई-बहन, शाहीन और डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आया है, जो पिछले दो वर्षों से विस्फोटक सामग्री इकट्ठा कर रहे थे। इस घटना के बाद फरीदाबाद में भी विस्फोटक बरामद हुए हैं। डॉ. शाहीन पर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ने के गंभीर आरोप हैं। जानें इस मामले में और क्या खुलासे हुए हैं।
 

दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट


सोमवार शाम को दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए भयंकर कार विस्फोट ने सुरक्षा व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। जांच में पता चला है कि इस विस्फोट में भाई-बहन, शाहीन और डॉ. परवेज अंसारी का हाथ था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ये दोनों पिछले दो वर्षों से अमोनियम नाइट्रेट जैसे उर्वरक-आधारित विस्फोटक इकट्ठा कर रहे थे।


फरीदाबाद में भी विस्फोटक बरामद

इस घटना के तुरंत बाद, फरीदाबाद में भी विस्फोटक सामग्री मिली, जिससे देशभर की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी जांच को तेज कर दिया गया है।


डॉक्टर परवेज के घर पर छापेमारी

यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने मंगलवार को मड़ियांव में डॉ. परवेज अंसारी के निवास पर छापेमारी की। पूछताछ में शाहीन ने बताया कि पिछले दो वर्षों से विस्फोटक जमा किया जा रहा था और कई अन्य स्थानों पर बम विस्फोट की योजना बनाई गई थी।


परवेज और शाहीन का पारिवारिक पृष्ठभूमि

डॉ. परवेज और डॉ. शाहीन भाई-बहन हैं। उनके पिता, सईद अंसारी ने मीडिया से कहा कि उनके तीन बच्चे हैं। उन्होंने अपने बच्चों की किसी भी गलत गतिविधि में संलिप्तता से इनकार किया।


छापेमारी में मिली सामग्री

जांच टीम ने डॉ. परवेज के घर से कई महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए। इसके अलावा, एक सफेद आल्टो कार और स्प्लेंडर बाइक भी बरामद की गई।


डॉ. शाहीन की संदिग्ध गतिविधियाँ

डॉ. शाहीन पर गंभीर आरोप हैं और कहा जा रहा है कि वह जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की प्रमुख हैं। वह पहले कानपुर के एक मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं, लेकिन 2013 में अचानक गायब हो गईं।


आतंकी हमलों की योजना

जांच के दौरान, शाहीन ने खुलासा किया कि उमर, मुजम्मिल और अदील बड़े आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे। ये लोग पिछले दो वर्षों से अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक इकट्ठा कर रहे थे।


जांच की आगे की प्रक्रिया

डॉ. परवेज अभी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है। सुरक्षा बल पूरे देश में सतर्क हैं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।