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दिल्ली में एक्साइज नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव, स्पिरिट स्टोरेज और वाइन के नियम हुए सरल

दिल्ली सरकार ने हाल ही में आबकारी नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे स्पिरिट के भंडारण और धार्मिक कार्यों में शराब के उपयोग से जुड़े प्रावधानों को सरल बनाया गया है। नए नियमों के तहत, स्पेशल डेनेचर्ड स्पिरिट की भंडारण सीमा को बढ़ाकर 15,000 किलोलीटर कर दिया गया है, जबकि चर्चों के लिए सैक्रामेंटल वाइन की वार्षिक सीमा 4,000 लीटर कर दी गई है। यह बदलाव औद्योगिक और धार्मिक संस्थानों के लिए कार्य को आसान बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं। जानें इन परिवर्तनों के पीछे की सोच और उनके प्रभाव के बारे में।
 

दिल्ली में एक्साइज नियमों में बदलाव

दिल्ली में एक्साइज नियमों में बदलाव.

दिल्ली सरकार ने आबकारी नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, जिससे स्पिरिट के भंडारण और धार्मिक कार्यों में शराब के उपयोग से संबंधित प्रावधानों को सरल बनाया गया है। ये संशोधन 22 दिसंबर, 2025 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से किए गए हैं और गजट में प्रकाशित होने के बाद प्रभावी होंगे। सरकार का कहना है कि ये परिवर्तन औद्योगिक आवश्यकताओं और धार्मिक संस्थानों की व्यावहारिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं।

अधिसूचना के अनुसार, विशेष रूप से डिनैचर्ड स्पिरिट की अधिकतम भंडारण सीमा को बढ़ा दिया गया है। पहले यह सीमा 6,744 किलोलीटर थी, जिसे अब 15,000 किलोलीटर कर दिया गया है। इस बदलाव से उन उद्योगों और संस्थानों को राहत मिलने की उम्मीद है जिन्हें बड़े पैमाने पर स्पिरिट स्टोर करने की आवश्यकता होती है। फॉर्म P-6 के तहत स्पिरिट स्टोर करने की अनुमति प्राप्त संस्थानों के लिए वार्षिक भंडारण सीमा भी बढ़ा दी गई है। सरकार का मानना है कि इससे लाइसेंस धारकों को बार-बार अनुमति लेने की आवश्यकता कम होगी और कार्य में सरलता आएगी।

चर्च के लिए सैक्रामेंटल वाइन के नियमों में बदलाव

दिल्ली सरकार ने चर्चों में धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग होने वाली सैक्रामेंटल वाइन से संबंधित नियमों में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पहले, दिल्ली के बिशप को सालाना केवल 91 लीटर वाइन रखने की अनुमति थी, जिसे अब बढ़ाकर 4,000 लीटर प्रति वर्ष कर दिया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह वाइन ड्यूटी-फ्री होगी और इसे भारत में किसी भी अधिकृत डिस्टिलरी से खरीदा जा सकेगा। हालांकि, कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं। सैक्रामेंटल वाइन खरीदने के लिए एक्साइज कमिश्नर से पहले मंजूरी लेनी होगी। वाइन एक या अधिक परमिट के माध्यम से खरीदी जा सकती है।

एक्साइज नीति में आवश्यक सुधार

आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन परिवर्तनों का उद्देश्य नियमों को अधिक व्यावहारिक और वास्तविक आवश्यकताओं के अनुसार बनाना है। धार्मिक संस्थानों को अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने में अनावश्यक प्रशासनिक बाधाओं से राहत मिलेगी, जबकि औद्योगिक संस्थानों को बढ़ी हुई भंडारण क्षमता से लाभ होगा, जिससे उनका कार्य सरल होगा। इन परिवर्तनों के माध्यम से दिल्ली सरकार ने संकेत दिया है कि वह समय-समय पर एक्साइज नीति में आवश्यक सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है।