दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीर बताते हुए कहा है कि सरकार जल्द ही एक नई नीति लाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें आश्रय स्थलों में रखा जाए। न्यायालय ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति या संगठन इस प्रक्रिया में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जानें इस मुद्दे पर और क्या कदम उठाए जाएंगे और दिल्ली सरकार की योजनाएं क्या हैं।
Aug 11, 2025, 16:28 IST
दिल्ली सरकार की नई नीति का आश्वासन
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही एक नई नीति पेश करेगी और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें आश्रय स्थलों में रखने का आदेश दिया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि ये कुत्ते सड़कों पर वापस नहीं लौटेंगे। यह आदेश उस मामले की सुनवाई के दौरान आया, जिसमें 28 जुलाई को न्यायालय ने आवारा कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज के मामलों का स्वतः संज्ञान लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन
आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं को "बेहद गंभीर" मानते हुए, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कई निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि किसी व्यक्ति या संगठन ने अधिकारियों के कार्य में बाधा डाली, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अदालत अवमानना की कार्यवाही भी शामिल हो सकती है। गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "दिल्ली के लोग आवारा कुत्तों से परेशान हैं। हम इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश महत्वपूर्ण हैं। हम लोगों को राहत देना चाहते हैं।"
दिल्ली सरकार की बैठकें और योजनाएं
दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर कई बैठकें आयोजित की हैं। पिछले हफ्ते मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा था कि सरकार एक मानवीय नीति लेकर आएगी। न्यायालय ने आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं से निपटने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि लगभग 5,000 आवारा कुत्तों के लिए आश्रय गृह बनाए जाने चाहिए और कुत्तों के बधियाकरण और टीकाकरण के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की तैनाती की जानी चाहिए। पीठ ने यह भी कहा कि आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखा जाना चाहिए और उन्हें सड़कों, कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए।