दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता पर ED की छापेमारी: स्वास्थ्य परियोजनाओं में अनियमितताओं का मामला
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की है। यह कार्रवाई स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं के आरोपों के चलते की गई है। पार्टी ने इसे झूठा करार दिया है, जबकि भाजपा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की है। यह मामला राजनीतिक टकराव का भी हिस्सा बन गया है, जिससे आगामी दिनों में और भी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।
Aug 26, 2025, 11:42 IST
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता पर कार्रवाई
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार भले ही समाप्त हो गई हो, लेकिन उसके कार्यों की परछाइयाँ अब भी सामने आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और ग्रेटर कैलाश के पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज के आवास सहित दिल्ली-एनसीआर में 13 स्थानों पर छापे मारे हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम, 2002 (PMLA) की धारा 17 के तहत की गई। यह मामला उस एफआईआर (नं. 37/2025 दिनांक 26 जून 2025) से संबंधित है, जिसे दिल्ली पुलिस की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने दर्ज किया था। एफआईआर में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री, निजी ठेकेदारों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोपों में अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य परियोजनाओं के निर्माण में व्यापक भ्रष्टाचार, अनुचित लागत वृद्धि, अनधिकृत निर्माण और धन के गबन जैसी अनियमितताएँ शामिल हैं。
ईडी का कहना है कि इन छापों का मुख्य उद्देश्य धन के प्रवाह और सार्वजनिक निधियों के दुरुपयोग से संबंधित सबूत इकट्ठा करना है। छापेमारी के दौरान जिन स्थानों पर कार्रवाई की गई, उनमें सौरभ भारद्वाज का आवास: डी-64, 6वीं मंज़िल, हिमालय हाउस, 23 केजी मार्ग और एक अन्य कार्यालय: बीपी-22, वेस्ट पटेल नगर शामिल हैं। इसके अलावा, निजी ठेकेदारों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के दफ्तरों और आवासों पर भी छापे मारे गए हैं।
सौरभ भारद्वाज पर ED की कार्रवाई
इस बीच, आम आदमी पार्टी ने इस मामले को पूरी तरह से झूठा करार दिया है, यह कहते हुए कि यह उस समय का है जब सौरभ भारद्वाज मंत्री नहीं थे। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने X पर लिखा कि केंद्र की भाजपा सरकार विपक्ष को दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ईडी की कार्रवाई PMLA के तहत की गई है, जो वित्तीय लेन-देन और कथित मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित है। यह मामला संवेदनशील है क्योंकि इसमें सार्वजनिक धन के गबन के आरोप शामिल हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और केंद्र के बीच पहले से ही राजनीतिक टकराव चल रहा है। यह छापेमारी चुनावी राजनीति और विपक्ष के “दमन” बनाम “भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई” की बहस को और तेज कर सकती है। सौरभ भारद्वाज और अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़ी यह छापेमारी केवल एक कानूनी कदम नहीं, बल्कि राजनीतिक विमर्श का विषय भी बन गई है। एक ओर केंद्र सरकार भ्रष्टाचार पर “जीरो टॉलरेंस” की बात कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे विपक्ष की आवाज दबाने की रणनीति बता रही है। आने वाले दिनों में जांच की दिशा और अदालतों में पेश होने वाले तथ्यों से ही यह तय होगा कि यह मामला वास्तव में भ्रष्टाचार का खुलासा है या राजनीतिक दमन का उदाहरण।