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दिल्ली में आतंकी साजिश का खुलासा: राइसिन ज़हर से हमले की योजना

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी आतंकवादी साजिश का पर्दाफाश करने पर मजबूर कर दिया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आतंकवादी दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद में राइसिन ज़हर का उपयोग करके हमले की योजना बना रहे थे। गुजरात एटीएस ने तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक डॉक्टर भी शामिल है, जो राइसिन ज़हर तैयार करने में माहिर है। यह मामला न केवल एक आतंकी साजिश है, बल्कि एक रासायनिक युद्ध की योजना का संकेत भी है।
 

दिल्ली धमाके का नया मोड़


दिल्ली बम धमाका अपडेट: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए विस्फोट ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आतंकवादी साजिश का संकेत है।


जांच के दौरान सुराग गुजरात और जम्मू-कश्मीर तक पहुंचे। इस बीच, गुजरात एटीएस ने तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया, जिनकी पूछताछ में ऐसे तथ्य सामने आए जो सुरक्षा एजेंसियों को चौंका देने वाले थे।


आतंकियों ने खुलासा किया कि वे दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद में एक साथ बम नहीं, बल्कि "राइसिन ज़हर" का उपयोग करके तबाही मचाने की योजना बना रहे थे। यह ज़हर इतना घातक है कि इसकी कुछ बूंदें ही सैकड़ों लोगों की जान ले सकती हैं।


लाल किला धमाके की साजिश का पर्दाफाश

सोमवार, 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास हरियाणा नंबर प्लेट वाली एक हुंडई i20 (HR26 CE 7674) में जोरदार धमाका हुआ। इस घटना में 9 लोगों की जान गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। कई वाहनों में आग लग गई। घटना के बाद दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने जांच तेज कर दी, और प्रारंभिक जांच से पता चला कि यह कोई आकस्मिक विस्फोट नहीं था, बल्कि एक संगठित आतंकवादी साजिश का हिस्सा था।


गुजरात में डॉक्टर की गिरफ्तारी


गुजरात एटीएस ने एक डॉक्टर सैयद अहमद को गिरफ्तार किया, जिसके पास से तीन पिस्तौल, राइसिन ज़हर बनाने का रासायनिक सामान, और कई संदिग्ध दस्तावेज़ बरामद हुए। सैयद अहमद मूल रूप से हैदराबाद का निवासी है और उसने 2008 से 2013 तक चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। एटीएस अधिकारियों के अनुसार, सैयद आतंकवादी संगठन ISKP (Islamic State Khorasan Province) के पाकिस्तानी हैंडलर अबू खदीजा के संपर्क में था।


आतंकियों की योजना का खुलासा

गुजरात एटीएस की पूछताछ में यह सामने आया कि तीनों आतंकवादियों ने देश के तीन प्रमुख शहरों में एक साथ हमले की योजना बनाई थी:



  • अहमदाबाद: भीड़-भाड़ वाले बाजारों और धार्मिक स्थलों पर हमला।

  • लखनऊ: RSS कार्यालय को निशाना बनाने की तैयारी।

  • दिल्ली: आज़ादपुर मंडी क्षेत्र में ज़हरीले पदार्थ फैलाने की साजिश।


आतंकियों ने इन तीनों शहरों में रेकी भी की थी और मौसम, ट्रैफिक और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की पूरी जानकारी जुटाई थी।


राइसिन ज़हर: एक घातक हथियार

राइसिन एक अत्यंत घातक जैविक ज़हर है, जो अरंडी के बीजों के अवशेष से तैयार किया जाता है। यह साइनाइड से कई गुना अधिक घातक माना जाता है। कुछ मिलीग्राम राइसिन अगर किसी व्यक्ति के शरीर में चला जाए, तो उसकी मृत्यु कुछ ही घंटों में हो सकती है। पुलिस के अनुसार, सैयद अहमद और उसके साथियों ने इसे खाने या पानी में मिलाकर बड़े पैमाने पर लोगों को मारने की योजना बनाई थी।


इस मामले का संबंध फरीदाबाद में छापों और जम्मू-कश्मीर में पकड़े गए संदिग्धों से भी जुड़ा है। हरियाणा में एक आरोपी को 2,900 किलो विस्फोटक और दो असॉल्ट राइफलों के साथ पकड़ा गया था। वहीं, यूपी में एक व्यक्ति को जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इन गिरफ्तारियों के बाद से ही खुफिया एजेंसियों को संदेह था कि ये सभी एक ही नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो पाकिस्तान से संचालित होता है।


हथियारों का सौदा और पाकिस्तानी कनेक्शन

गुजरात एटीएस की रिपोर्ट के अनुसार, सैयद अहमद और उसके साथी 6 नवंबर की रात गुजरात पहुंचे, जहां उनका उद्देश्य हथियारों का आदान-प्रदान करना था। पकड़े गए आतंकवादियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान से हथियार मंगवाए थे। गिरफ्तारी के समय सैयद के पास से दो ग्लॉक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, एक बेरेटा पिस्टल, और अरंडी का तेल बरामद हुआ। उसके फोन और लैपटॉप से कई एन्क्रिप्टेड टेलीग्राम चैट्स भी मिलीं, जिनमें अबू खदीजा और ISKP के अन्य हैंडलर्स से बातचीत के सबूत हैं।


डॉक्टर सैयद अहमद: सबसे शिक्षित आतंकवादी


तीनों आतंकवादियों में डॉ. सैयद अहमद को सबसे शिक्षित और खतरनाक माना जा रहा है। वह न केवल राइसिन ज़हर तैयार कर रहा था, बल्कि इसे पाउडर रूप में खाने में मिलाने की तकनीक भी जानता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह हैदराबाद में होटल व्यवसाय के बहाने काम कर रहा था। जैसे ही यह खुलासा हुआ कि आतंकवादी बम नहीं, बल्कि रासायनिक ज़हर से हमले की तैयारी कर रहे थे, NIA, IB, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और गुजरात एटीएस समेत कई एजेंसियों ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है। अब जांच इस दिशा में आगे बढ़ रही है कि इस नेटवर्क के पीछे और कौन लोग शामिल हैं, और क्या यह लाल किला धमाके से सीधे जुड़ा है।


सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी

यह मामला केवल एक आतंकवादी साजिश नहीं, बल्कि एक रासायनिक युद्ध जैसी योजना का संकेत है। तीनों आतंकवादियों की गिरफ्तारी ने भारत में सक्रिय पाकिस्तान समर्थित मॉड्यूल्स की पोल खोल दी है। सुरक्षा एजेंसियां अब देशभर में अलर्ट हैं और सभी बड़े शहरों में उच्च सुरक्षा क्षेत्र लागू कर दिया गया है। यदि राइसिन जैसा ज़हर खुले में फैलाया जाता, तो हजारों लोगों की जान जा सकती थी।