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दिल्ली में अवैध संरचनाओं के खिलाफ ध्वस्तीकरण अभियान शुरू

दिल्ली के अशोक विहार में अवैध संरचनाओं के खिलाफ एक बड़ा ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें पुलिस की भारी तैनाती की गई है। इस कार्रवाई के दौरान कई घरों को ध्वस्त किया गया है, जिससे स्थानीय निवासियों में तनाव और विरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जानें इस अभियान के पीछे की वजह और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया।
 

दिल्ली में ध्वस्तीकरण अभियान की शुरुआत

दिल्ली के अशोक विहार और वजीरपुर क्षेत्र में पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच एक बड़ा ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के द्वारा संचालित इस अभियान में कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया है। यह कार्रवाई गुप्ता सरकार के अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा है।


पुलिस की तैनाती और ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया

यह अभियान कालकाजी और जंगपुरा में हाल ही में हुए ध्वस्तीकरण अभियानों के बाद शुरू किया गया है। अशोक विहार में शांति बनाए रखने के लिए लगभग 250 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) भीष्म सिंह के अनुसार, जेलर वाला बाग क्षेत्र में ध्वस्तीकरण कार्य चल रहा था। विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और कई उत्खननकर्ताओं ने मिलकर उन ढांचों को गिराने का कार्य शुरू किया, जिन्हें हटाने के लिए चिन्हित किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत 200 से अधिक अवैध घरों को ध्वस्त करने की योजना है।


स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

इस क्षेत्र में तनाव का माहौल बना रहा, जहां परिवार अपने घरों को ध्वस्त होते देख रहे थे। कुछ निवासी अपने सामान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, जबकि अन्य चुपचाप अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि उनकी पुरानी संरचनाएं मलबे में बदल रही थीं। यह अभियान राजधानी में सार्वजनिक संपत्ति को पुनः प्राप्त करने के लिए नागरिक अधिकारियों के प्रयासों का हिस्सा है। हालांकि, इस कदम ने विरोध की लहर भी उत्पन्न की है। आम आदमी पार्टी ने इन ध्वस्तीकरण अभियानों का विरोध करते हुए इन्हें अवैध करार दिया है।