दिल्ली ब्लास्ट मामले में एनआईए को मिली बड़ी सफलता, जासिर बिलाल वानी गिरफ्तार
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में नई गिरफ्तारी
दिल्ली ब्लास्ट और एनआईए.
लाल किला कार बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। एजेंसी ने आतंकवादी उमर के एक सहयोगी जासिर बिलाल वानी, जिसे दानिश के नाम से भी जाना जाता है, को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी एनआईए के केस नंबर RC-21/2025/NIA/DLI के तहत की गई है। जांच में यह सामने आया है कि जासिर ड्रोन में बदलाव करने और रॉकेट बनाने में तकनीकी सहायता प्रदान करता था। इस धमाके में 10 लोगों की जान गई थी और 32 अन्य घायल हुए थे।
जासिर अनंतनाग जिले के काजीगुंड का निवासी है और उसे इस हमले का एक सक्रिय साजिशकर्ता माना जा रहा है। वह मुख्य आतंकवादी उमर-उन-नबी के साथ मिलकर इस हमले की योजना बनाने में शामिल था। एनआईए अब भी इस धमाके की पूरी साजिश को उजागर करने के लिए विभिन्न पहलुओं से जांच कर रही है। एजेंसी की टीमें विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर रही हैं ताकि इस हमले से जुड़े सभी व्यक्तियों तक पहुंचा जा सके।
बम लगाने में दानिश की भूमिका
जांच में यह भी पता चला है कि दानिश ने बम लगाने में डॉक्टर उमर मोहम्मद की सहायता की थी। जासिर के पिता जावेद अहमद ने जब अपने बेटे और भाई से मिलने की अनुमति नहीं मिलने पर आत्मदाह कर लिया, तो उनकी मौत हो गई। जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को एनआईए की टीम दिल्ली ले आई है।
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कोर्ट में पेशी की तैयारी
दानिश को कल सुबह पटियाला हाउस की विशेष एनआईए कोर्ट में पेश किया जाएगा। एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने विशेषज्ञों से ड्रोन और रॉकेट बनाने का काम करवाया था। अब एनआईए पूरी साजिश को उजागर करने के लिए विभिन्न पहलुओं की जांच कर रही है। एनआईए की टीमें विभिन्न सुरागों का अनुसरण कर रही हैं और राज्यों में तलाशी ले रही हैं।
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