दिल्ली ब्लास्ट: अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर पर कार्रवाई शुरू
अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर पर शिकंजा
अल फलाह यूनिवर्सिटी.
दिल्ली में हुए ब्लास्ट के संदर्भ में अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जवाद फारुखी पर कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उन्हें नोटिस जारी किया है और जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाने की योजना बना रही है। इस मामले में विश्वविद्यालय से जुड़े सभी व्यक्तियों से क्रमबद्ध तरीके से पूछताछ की जा रही है।
शुरुआत में यह जानकारी मिली थी कि जवाद फारुखी ब्लास्ट के बाद से फरार हैं और कुछ लोगों ने विदेश भागने की बात भी कही थी। हालांकि, क्राइम ब्रांच ने स्पष्ट किया है कि वह न तो फरार हैं और न ही विदेश गए हैं। उन्हें नोटिस जारी किया गया है और जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी।
छात्रों को धोखा देने का मामला
दिल्ली पुलिस के अनुसार, विश्वविद्यालय ने UGC के 12B का फर्जी सर्टिफिकेट अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित कर छात्रों को एडमिशन का लालच दिया। NACC का एक्रीडेशन 2018 में समाप्त हो चुका था, फिर भी विश्वविद्यालय ने छात्रों से एडमिशन लेना जारी रखा, जिसके चलते धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया गया है। जवाद फारुखी से इन मामलों पर पूछताछ की जाएगी।
जेल में रह चुका है विश्वविद्यालय का मालिक
अल फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी, जो 61 वर्ष के हैं, पहले चिट फंड के कारोबार में शामिल थे और तीन साल जेल में बिताए हैं। उनके खिलाफ 14 से 15 प्राथमिकी दर्ज थीं, लेकिन बाद में उन्होंने सभी निवेशकों का पैसा लौटाया और सभी मामलों से बरी हो गए।
शिक्षा में अनुभव
जावेद ने इंदौर से बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 1992 में जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य करना शुरू किया। उन्होंने जनवरी 1994 तक वहां काम किया। उनकी दोनों बहनें और बेटे दुबई में रहते हैं। सिद्दीकी कई कंपनियों के निदेशक हैं, जो निवेश, शिक्षा, सॉफ्टवेयर, ऊर्जा, निर्यात और परामर्श से संबंधित हैं.