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दिल्ली पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के मामलों में ई-एफआईआर की सीमा घटाई

दिल्ली पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के मामलों में ई-एफआईआर दर्ज करने की सीमा को 10 लाख रुपये से घटाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। यह कदम त्वरित समाधान और बेहतर डिजिटल पुलिसिंग के लिए उठाया गया है। अब, पीड़ित आसानी से किसी भी पुलिस स्टेशन पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। विशेष पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस नई पहल से शिकायतों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और अधिक जानकारी।
 

साइबर अपराधों में वृद्धि के बीच नई पहल

पिछले वर्ष, दिल्ली में साइबर अपराधों के चलते नागरिकों को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इस स्थिति को देखते हुए, दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में ई-एफआईआर दर्ज करने की सीमा को 10 लाख रुपये से घटाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। यह कदम त्वरित समाधान और प्रभावी डिजिटल पुलिसिंग को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 1 नवंबर से, 1 लाख रुपये या उससे अधिक की ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने वाले लोग अब ई-एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। यह नई सुविधा पहले केवल 10 लाख रुपये या उससे अधिक की धोखाधड़ी के मामलों पर लागू होती थी, जिससे अब कम राशि की धोखाधड़ी के शिकार लोगों के लिए शिकायत दर्ज कराना आसान हो जाएगा।


ई-एफआईआर प्रक्रिया में सुधार

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता किसी भी पुलिस स्टेशन पर जा सकते हैं, जहाँ एकीकृत सहायता डेस्क के कर्मचारी उनकी शिकायत दर्ज करेंगे। यदि धोखाधड़ी की गई राशि 1 लाख रुपये से अधिक है, तो ई-एफआईआर दर्ज की जाएगी। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि पहले हर महीने 10 लाख रुपये या उससे अधिक की धोखाधड़ी की 70 से 80 शिकायतें आती थीं। अब, सीमा को घटाकर 1 लाख रुपये करने के बाद, हमें उम्मीद है कि यह संख्या बढ़कर हर महीने 700-800 हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिन शिकायतकर्ताओं ने 1 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि खोई है, वे 1930 पर साइबर हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं। कॉल लेने वाला व्यक्ति शिकायत को पोर्टल पर दर्ज करेगा, जो स्वतः ही ई-एफआईआर में परिवर्तित हो जाएगा। दिल्ली पुलिस को प्रतिदिन 1930 हेल्पलाइन पर साइबर धोखाधड़ी से संबंधित 3,000 से अधिक कॉल प्राप्त होती हैं।


एकीकृत हेल्प डेस्क का महत्व

विशेष पुलिस आयुक्त ने बताया कि एक और महत्वपूर्ण पहल यह है कि पीड़ित अब पुलिस स्टेशन जाकर नए स्थापित एकीकृत हेल्प डेस्क कर्मचारियों की सहायता से ई-एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। ई-एफआईआर को आगे की जांच के लिए संबंधित साइबर पुलिस स्टेशन भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन नंबर के अलावा, दिल्ली में कुल 225 पुलिस स्टेशन हैं जहाँ पीड़ित अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इससे साइबर संबंधी समस्याओं का समाधान तेजी से किया जा सकेगा।