दिल्ली पुलिस ने नकली दवाओं के अंतरराज्यीय गिरोह का किया भंडाफोड़
गिरोह का खुलासा और गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर नकली टैबलेट और कैप्सूल बेचता था। यह गिरोह प्रमुख दवा कंपनियों के ब्रांड नामों का गलत इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
गिरोह का नेटवर्क और गतिविधियाँ
यह गिरोह पिछले छह वर्षों से दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के मेडिकल स्टोर्स को नकली दवाएं सप्लाई कर रहा था। छापेमारी के दौरान पुलिस ने लगभग एक लाख नकली टैबलेट और कैप्सूल जब्त किए। आरोपियों के मोबाइल फोन से कई कोड नाम मिले, जो उनके नेटवर्क को छिपाने के प्रयास को दर्शाते हैं।
गुप्त फैक्ट्रियों का खुलासा
हरियाणा के जींद और हिमाचल प्रदेश के बद्दी में पुलिस ने दो गुप्त फैक्ट्रियों का पता लगाया, जहां विभिन्न प्रकार की नकली दवाएं बनाई जा रही थीं। गिरोह का एक सदस्य जींद में एक अनधिकृत यूनिट चला रहा था।
आरोपियों की पहचान और भूमिका
गिरफ्तार आरोपियों में राजेश मिश्रा, परमानंद, मोहम्मद आलम, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद जुवैर और प्रेम शंकर प्रजापति शामिल हैं। पुलिस पूछताछ में पता चला कि ये सभी एक नेटवर्क के माध्यम से जुड़े हुए थे, जिसमें सप्लाई, पैकेजिंग, उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारियां साझा की गई थीं।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया
30 जुलाई को पुलिस को सूचना मिली कि नकली दवाओं की एक बड़ी खेप दिल्ली में आने वाली है। सिविल लाइंस के एक पेट्रोल पंप पर कार को रोका गया, जिसमें दो आरोपी सवार थे। उनके पास से भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद हुईं।
जब्त की गई नकली दवाओं की सूची
पुलिस ने हजारों गोलियों और कैप्सूल के साथ-साथ नकली ब्रांडेड पैकिंग सामग्री भी जब्त की है। इनमें शामिल हैं:
- अल्ट्रासेट: 9,015 गोलियां
- ऑगमेंटिन 625: 6,100 गोलियां
- पैन-40: 1,200 गोलियां
- बेटनोवेट-एन क्रीम: 1,166 ट्यूबें
- एमोक्सिसिलिन: 25,650 गोलियां
- पीसीएम: 5,900 गोलियां
- पैन-डीएसआर: 2,700 गोलियां
- स्टेरॉयड इंजेक्शन कैनाकोर्ट: 74 डिब्बे
- प्रोयको स्पास: 12,000 गोलियां
- पैकिंग मशीन, खाली डिब्बे, और 150 किलो खुली गोली भी बरामद हुई।
स्वास्थ्य पर खतरा
डीसीपी (क्राइम) हर्ष इंदौरा ने कहा कि ये नकली दवाएं लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। पुलिस अब इस गिरोह के कच्चे माल के स्रोत और वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है। यह मामला नकली दवाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को दर्शाता है।